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कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुनर्वास केंद्र
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- Dec 26, 2020
- 2591 views
- यहां कुपोषित बच्चों के खानपान व देखभाल की रहती हैं विशेष सुविधाएं
- एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार नाटापन के प्रतिशत में आई है कमी
लखीसराय-
जिले भर के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए राज्य सरकार काफी गंभीर है। इसको ले राज्य सरकार ने कुपोषण की इस स्थिति से निबटने के लिए पोषण पुनर्वास र्केंद्र की स्थापना की है।
लखीसराय जिले के सिविल सर्जन डॉ. आत्मानंद राय ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में भी बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। उन्होंने बताया कि कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है।
एनएफएचएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले में बच्चों में नाटापन के प्रतिशत में हुआ सुधार :
सिविल सर्जन डॉ. आत्मानंद राय ने बताया कि एनएफएचएस 5 (2019-20) के आंकड़ों के अनुसार जिले में बच्चों के नाटापन के प्रतिशत में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि
एनएफएचएस 4 (2015- 16) के आंकड़ों के अनुसार जिले में 50.6 प्रतिशत बच्चे नाटापन के शिकार थे जो अब एनएफएचएस 5 (2019-20) के आंकड़ों के अनुसार घटकर मात्र 42.7 प्रतिशत रह गया है।
पुनर्वास केंद्र में बच्चों का रखा जाता है विशेष ख्याल :
पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को डाक्टर की सलाह के अनुसार हीं उनके खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते हैं तो वैसे बच्चों को एक माह तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है।
पुनर्वास केंद्र में भर्ती हुए बच्चे के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही किए जाते हैं डिस्चार्ज :
पोषण पुर्नवास केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती हैं। यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से डिस्चार्ज किया जाता है।
पोषण पुर्नवास केंद्र में भर्ती होने के लिए तय किए गए है ये मानक :
कुपोषण के शिकार बच्चे को एनआरसी में भर्ती करने के लिए कुछ मानक निर्धारित किए गए हैं। इसके तहत बच्चों का विशेष जांच जैसे उनका वजन व बांह आदि का माप किया जाता है। इसके साथ हीं छह माह से अधिक एवं 59 माह तक के ऐसे बच्चे जिनकी बांई भुजा 11.5 सेमी हो और उम्र के हिसाब से लंबाई व वजन न बढ़ता हो वो कुपोषित माने जाते हैं। वैसे बच्चों को ही पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही दोनों पैरों में पीटिंग एडीमा हो तो ऐसे बच्चों को भी यहां पर भर्ती किया जाता है।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar