कोरोना काल में बच्चों को लेकर रहें सतर्क



तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की जताई जा रही है आशंका

अभी से सावधानी बरतने की जरूरत, हर वक्त बच्चों पर रखें नजर


बांका, 18 मई -


 कोरोना की दूसरी लहर थोड़ी कमजोर पड़ी है, लेकिन तीसरी लहर की भी चर्चा होने लगी है। इसलिए अभी सतर्कता का सिलसिला जारी रखना होगा। खासकर तीसरी लहर बच्चों के लिए नुकसानदायक  हो सकती है, ऐसी आशंका जताई जा रही है। इसलिए सावधानी बरतनी अभी से ही शुरू कर देनी चाहिए। परिजनों को बच्चों पर नजर रखने की आदत डाल लेनी चाहिए। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि कोरोना को लेकर हर किसी को सतर्क रहने की जरूरत है। अभी कोरोना के मामले कम जरूर हो रहे हैं, लेकिन अभी पूरी तरह से टला नहीं है। इसलिए लापरवाही नहीं करनी चाहिए और सतर्क रहना चाहिए। जहां तक तीसरी लहर की बात और उसमें बच्चों के प्रभावित होने की आशंका है तो उस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन सतर्कता बरतने में क्या दिक्कत है।


बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दें 

 डॉ. सुनील कुमार चौधरी कहते हैं कि बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है। वह घर से बाहर नहीं निकल पाए, इस पर ध्यान देने की जरूरत है। किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क से बच्चे को दूर रखना चाहिए। इससे वह संक्रमण से बचा रहेगा। साथ ही बच्चों को दुलारने के क्रम में चूमने से बचना चाहिए। साथ ही सांसों के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए।


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला आहार दीजिएः 

डॉ. चौधरी कहते हैं कि बच्चों को शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला आहार देने की कोशिश करें। फल और सब्जियां खिलाएं। खासकर अगर पालक खिला सकें तो बेहतर रहेगा। बच्चे अगर छोटा हो तो मां का दूध और डेयरी प्रोडक्ट दें। इसके अलावा विटामिन सी वाला आहार भी देने की कोशिश करें। प्रोटीनयुक्त आहार देने से बच्चों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और उसके शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी अधिक होगी। साथ ही खाने-पीने के सामान को साफ करके दें।


बच्चों को भीगने नहीं देः

 डॉ. चौधरी कहते हैं कि बच्चों को भीगने नहीं दें। अगर भीग जाए तो तुरंत कपड़े बदल दें। इतना सावधान रहें कि सर्दी औऱ बुखार बच्चे को नहीं हो। बच्चों के लिए घर में सामान्य (नॉर्मल) दवा रखें। तबीयत बिगड़ने की स्थिति में डॉक्टर से संपर्क कर उसे दें। बच्चों का इस तरह से ध्यान रखें कि उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं पड़े।


बीमार व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने दें  

डॉ. चौधरी कहते हैं कि एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर घर का कोई सदस्य बीमार पड़ जाए तो उसके संपर्क में बच्चे को नहीं आने दें। कोरोना ही नहीं, सामान्य सर्दी, बुखार और खांसी से भी संक्रमण की  संभावना रहती  है। इसलिए घर का ही सदस्य क्यों नहीं हो, बीमार पड़ने पर उसके संपर्क में भी बच्चों को नहीं आने दें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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