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पोषण अभियान के तहत एनीमिया से बचाव के सिखाए गए गुर
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- Sep 16, 2021
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जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण माह के तहत हो रहे हैं कार्यक्रम
गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ किशोरियों को पोषण की मिली जानकारी
भागलपुर, 16 सितंबर-
सितंबर को पोषण माह के तौर पर मनाया जा रहा है। इसके तहत जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती और धात्री महिलाओं के साथ किशोरियों को सही पोषण के बारे में जागरूक किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर सही पोषण को लेकर पांच सूत्र बताए जा रहे हैं। इसमें पहला है सुनहरे जीवन के हजार दिन, दूसरा एनीमिया से बचाव, तीसरा डायरिया से बचाव, चौथा पौष्टिक आहार और पांचवां स्वच्छता और हाथ की सफाई। इन मुद्दों पर जिले भर के आंगनबाड़ी केंद्रों पर महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। गुरुवार को एनीमिया से बचाव को लेकर महिलाओं को जागरूक किया गया। आईसीडीएस के जिला समन्वयक अरविंद पांडे ने बताया कि पोषण माह के तहत सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। कार्यक्रम के जरिये महिलाओं को सही पोषण की जानकारी दी जा रही है। गुरुवार को एनीमिया से बचाव पर फोकस रहा। इस दौरान महिलाओं को किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए, इसके बारे में बताया गया।
गर्भवती माताएं हरी सब्जी और फल पर दें जोरः नाथनगर प्रखंड की कजरैली पंचायत के तेतरहाट गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र 80 की सेविका रंजना कुमारी ने बताया मैंने अपने केंद्र पर गर्भवती महिलाओं को हरी सब्जियों का अत्यधिक सेवन करने के लिए बताया। इसके अलावा फल का सेवन भी लगातार करने के लिए कहा गया। लाल फल पर ज्यादा जोर देने के लिए कहा गया। साथ ही जो महिलाएं मास-मछली नहीं खातीं हैं उन्हें दूध-दही के साथ हरी सब्जियों का अत्यधिक सेवन करने के लिए कहा गया। फल का सेवन मांसाहार करने वाले और नहीं करने वाले, दोनों को करने के लिए कहा गया। ऐसा करने से बच्चा स्वस्थ रहता है।
किशोरियों को एनीमिया से बचाव पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरतः रंजना कुमारी ने बताया कि किशोरियों को एनीमिया से बचाव पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। अगर किशोरी शुरुआत से ही इसे लेकर जागरूक रहेंगी तो आगे उन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होगी। इसके लिए खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पौष्टिक आहार के सेवन करने रहने से एनीमिया से बचाव होता रहेगा। हरी सब्जियां, फल, दूध-दही के साथ जो मांसाहार के सेवन करते हैं, वे मांसाहार का अत्यधिक सेवन करें।
धात्री महिलाएं छह माह तक बच्चों को कराएं स्तनपानः रंजना कुमारी ने कहा कि धात्री महिलाओं को छह माह तक स्तनपान कराने की सलाह दी गई। इसके बाद बच्चे को पूरक आहार देने के बारे में बताया गया। छह माह तक अगर बच्चे को स्तनपान कराया जाता है तो उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सक्षम हो जाता है। साथ ही छह महीने के बाद बच्चे को आहार की जरूरत बढ़ जाती है। इसलिए उसे खिचड़ी और खीर जैसे हल्का भोजन देना चाहिए, जिसे वह आसानी से पचा सके।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar