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सदर अस्पताल में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ़ प्रेगनेंसी एक्ट के तहत सुरक्षित गर्भपात की सुविधा
बिहारशरीफ, आधुनिक परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल नहीं किये जाने पर महिलाएं गर्भवती हो जाती है. अनचाहे गर्भ के कारण यह दंपति को तनाव देता है क्योंकि वे इसके लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं होते. ऐसे में दंपति सुरक्षित गर्भपात की नितांत आवश्यकता महसूस करते हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल टर्मिनेशन आॅफ प्रेगनेंसी एक्ट को ध्यान में रखते हुए अब सुरक्षित गर्भपात की सुविधा अस्पतालों में सुचारू रूप से क्रियान्वित करायी जा रही है.
सुरक्षित गर्भपात और परिवार नियोजन को लेकर लोगों में अधिकाधिक जागरूकता लाने के उद्देश्य से बुधवार को सिविल सर्जन कक्ष में समीक्षात्मक बैठक कर इस विषय पर चर्चा की गयी. इस दौरान गर्भपात संबंधी मासिक डाटा तथा सुरक्षित गर्भपात के दौरान महिलाओं के भावनात्मक सहयोग एवं गोपनीयता ऐवम दस्तावेजीकरण पर चर्चा की गयी.
सिविल सर्जन डॉक्टर सुनील कुमार की अध्यक्षता में आयोजित परिचर्चा में सुरक्षित गर्भपात व परिवार नियोजन को लेकर काम करने वाली पटना स्थित संस्था आईपास डेवलपमेंट फाउंडेशन के प्रतिनिधि शंकर दयाल सिंह. सुनील कुमार सहित अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर विजय कुमार सिंह, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर सुमित कुमार, डॉक्टर कुमकुम, डॉक्टर अंकिता, डॉक्टर वीणा, डॉक्टर संगीता ऐवम नर्सिंग स्टॉफ ने हिस्सा लिया|
बैठक में पहले तथा दूसरी तिमाही के सुरक्षित गर्भपात एवं इसके उपरांत परिवार नियोजन विधि अपनाने पर विस्तार से चर्चा की गयी|
एमटीपी एक्ट के तहत गर्भ समापन का प्रावधान:
आईपास प्रतिनिधि शंकर दयाल सिंह ने बताया कि कोरोना काल में बहुत सी महिलाएं अनचाहे रूप से गर्भवती हो गयी हैं और उन्हें गर्भ समापन की सुविधा लेने में परेशानी हुई है इस वजह से उनका गर्भ प्रथम से दूसरी तिमाही का हो गया है| इसलिए उन्हें चिकित्सीय सलाह एवं परामर्श की आवश्यकता है ताकि उनका सुरक्षित गर्भपात कराया जा सके| इसको लेकर सभी को प्रयास करने की आवश्यकता है| परिचर्चा में बताया गया कि लोग स्वयं से गर्भपात कराने के विधियों को नहीं अपनाये| मेडिकल साइंस की मदद से सुरक्षित गर्भपात की विधि ही अपनायी जानी चाहिए| इसके लिए तकनीकी रूप से दक्ष चिकित्सक से परामर्श प्राप्त किया जाना चाहिए| सदर अस्पताल में 20 सप्ताह तक के गर्भ का समापन करने की सुविधा उपलब्ध है| अगर कोई महिला अपना गर्भ समापन कराना चाहती है तो एमटीपी एक्ट के तहत अपना गर्भ समापन करा सकती है|
सिविल सर्जन महोदय ने कहा भारत में मातृ मृत्यु दर का 8 प्रतिशत असुरक्षित गर्भपात के कारण होता है. इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि गर्भपात की सुविधा उपलब्ध हो और इसके तहत सभी प्रक्रियाएं पूरी तरह सुरक्षित हों. सदर अस्पताल में सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं.
बार बार गर्भपात कराना खतरनाक:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार गर्भपात के बाद गर्भधारण में छः महीनो का अंतराल होनी चाहिए. अतः इस बात की चर्चा भी की गयी कि गर्भपात के बाद महिलाओ को गर्भनिरोधक साधन अपनाने के लिये प्रेरित करे |
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar