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जीविका दीदी करे पुकार, टीबी मुक्त हो बिहार
-विश्व स्वास्थ्य दिवस पर कहलगांव में निकाली गई रैली
-केएचपीटी ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से रैली निकाली
भागलपुर, 7 अप्रैल-
विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर गुरुवार को कहलगांव में जीविका दीदियों ने रैली निकाली। रैली के जरिये लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया गया। रैली में शामिल जीविका दीदी लोगों से बिहार को टीबी से मुक्त करने की अपील कर रही थीं। जीबीका दीदी करे पुकार, टीबी मुक्त हो बिहार का नारा लगा रही थीं। रैली का आयोजन कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने किया था। इसमें स्वास्थ्य विभाग ने भी सहयोग किया था। रैली के दौरान लोगों को टीबी के लक्षण और बचाव की जानकारी दी गई। रैली में टीबी विभाग के एसटीएलएस देव कुणाल और स्वास्थ्य विभाग के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर बंटी सिंह ने भी भाग लिया। रैली जीविका के उपकार सीएलएफ कार्यालय में आकर गोष्ठी में तब्दील हो गई, जिसमें टीबी के बारे में चर्चा कर लोगों को जागरूक किया गया। लोगों को बताया गया कि टीबी के इलाज के साथ-साथ पौष्टिक आहार लेना भी जरूरी है। सरकार की निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को उपचार के लिए प्रतिमाह 500 रुपये भी दिया जाता है।
उधर, दूसरी तरफ प्रखंड की भोलसर पंचायत में टीबी को लेकर जीविका दीदियों के दो दिवसीय प्रशिक्षण का भी समापन हो गया। प्रशिक्षण का आयोजन भी केएचपीटी ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से किया। 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त बनाना है। इसी सिलसिले में इस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिसमें 32 जीविक दीदियों ने भाग लिया। सभी को टीबी उन्मूलन में सहयोग के लिए संवेदनशील बनाने के लिए कहानी, खेल आदि गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया गया और टीबी से संबंधित जानकारी दी गई। टीबी के लक्षण के साथ उपचार के बारे में बताया गया। साथ ही उपचार कहां-कहां संभव है, इसकी भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के दौरान केएचपीटी की जिला प्रमुख आरती झा, प्रशिक्षक के तौर पर धीरज कुमार मिश्रा और संदीप कुमार ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान केएचपीटी की मॉनिटरिंग एंड एवल्यूशन एसोसिएट कृष्णा कुमारी भी मौजूद रही।
ज्यादातर मामले घनी आबादी वाले इलाके में- प्रशिक्षण के दौरान जीविका दीदियों को बताया कि टीबी के अधिकतर मामले घनी आबादी वाले इलाके में पाए जाते हैं। वहां पर गरीबी रहती है। लोगों को सही आहार नहीं मिल पाता और वह टीबी की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए घनी आबादी वाले इलाके में लगातार जागरूकता अभियान चल रहा है। लोगों को बचाव की जानकारी दे रहे और साथ में सही पोषण लेने के लिए भी जागरूक किया जा रहा है। टीबी की बीमारी को हल्के में नहीं लेना चाहिए। एक टीबी का मरीज साल में 10 से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है और फिर आगे वह कई और लोगों को भी संक्रमित कर सकता है, इसलिए लक्षण दिखे तो लोगों को तत्काल इलाज कराने के लिए कहें। टीबी का अगर कोई इलाज नहीं कराता है तो यह बीमारी कई लोगों में जा सकता है। एक के जरिए कई लोगों में इसका प्रसार हो सकता है। अगर एक मरीज 10 लोगों को संक्रमित कर सकता है तो फिर वह भी कई और लोगों को संक्रमित कर देगा।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar