“लक्ष्य” कार्यक्रम ने गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित प्रसव में किया इजाफा- डॉ. सरिता  

 
 
• मातृ, नवजात एवं शिशु पोषण में राज्य के सहयोगी संस्थाओं की हुई बैठक
• सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नीति बनाने की है आवश्यकता- डॉ.बी.पी.राय 
• अलाइव एंड थ्राईव के तत्वावधान में इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान बैठक का हुआ आयोजन   
पटना/ 20 अप्रैल-
मातृ, नवजात एवं शिशु पोषण के मानकों में सुधार लाने के लिए सरकार प्रयासरत है. इसके लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग तथा समेकित बाल विकास विभाग द्वारा कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं. राज्य में कार्यरत सभी सहयोगी संस्थाएं भी इस प्रयास में अपनी भूमिका निभा रही हैं. मातृ, नवजात एवं शिशु पोषण की वर्तमान स्थिति एवं इनमे सुधार लाने के लिए नीति निर्धारण में सहयोग के लिए अलाइव एंड थ्राईव के तत्वावधान में इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान में सहयोगी संस्थओं के प्रतिनिधियों की बैठक संपन्न हुई. इसमें स्वास्थ्य विभाग एवं समेकित बाल विकास विभाग के पदाधिकारियों ने भी शिरकत की और अपने विचार रखे. 
“लक्ष्य” कार्यक्रम ने गुणवत्तापूर्ण एवं सुरक्षित प्रसव में किया इजाफा- डॉ. सरिता  
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मातृ स्वास्थ्य डॉ. सरिता ने बताया कि एनीमिया मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती है तथा यह समुदाय के सभी आयुवर्ग के लोगों में व्याप्त है. इसे तत्काल प्रभाव से देखने की जरुरत है और इसके प्रबंधन के लिए सटीक एवं सुनियोजित प्रयास की जरुरत है. डॉ. सरिता ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम से अस्पतालों के लेबर रूम की स्थिति काफी बेहतर हुई है और अब गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव सेवा उपलब्ध हो पा रही है. इससे मातृ मृत्यु दर में भी कमी देखी जा रही है. 
एनीमिया एवं कुपोषण से मुक्ति के लिए साझा नीति पर काम करने की है जरुरत- प्रवीण शर्मा 
अलाइव एंड थ्रायीव के बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कार्यक्रम निदेशक प्रवीण शर्मा ने बताया कि एनीमिया एवं कुपोषण को दूर करने के लिए साझा नीति बनाकर उसपर काम करने की जरुरत है. बैठक के माध्यम से एक संयुक्त कार्य नीति पर पहुँचने का प्रयास किया जा रहा है जिससे एनीमिया एवं कुपोषण पर काबू करके मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के मानकों में सुधार लाया जा सके.
सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नीति बनाने की है आवश्यकता- डॉ.बी.पी.राय 
बैठक को संबोधित करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, शिशु स्वास्थ्य डॉ. बी.पी.राय ने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण के लिए संचालित कार्यक्रमों को पूरी दृढ़ता से क्रियांवित करने की जरुरत है. इस बैठक के माध्यम से ऐसे उपाय तलाशने की आवश्यकता है जिससे नवजात, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य के मानकों को और बेहतर किया जा सके. 
पोषण के मानकों में सुधार के लिए सामूहिक प्रयास की जरुरत:
बैठक में अपनी बात रखते हुए पोषण अभियान की नोडल पदाधिकारी रिफत अंसारी ने कहा कि कुपोषण मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सबसे बड़ा बाधक है और इसे दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरुरत है. बैठक के माध्यम से हमें ऐसी समझ पर पहुँचने की जरुरत है जिससे समुदाय से कुपोषण दूर करने के कार्यक्रमों को और बल मिल सके.
बैठक में अलाइव एंड थ्राईव की नोवीना स्वप्नभ, विश्व बैंक के मंत्रेश्वर झा, नीपी, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. संदीप घोष,, सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक, रणविजय कुमार, पिरमल स्वास्थ्य, वर्ल्ड विज़न के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे. बैठक में इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सक भी शामिल हुए. बैठक का संचालन अलाइव एंड थ्राईव की वरीय कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने किया.

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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