टीबी होने की जानकारी मिली तो घबराया, आशा के सहयोग से कराया इलाज तो आज पूरी तरह हूँ स्वस्थ : अरविंद सिंह 

 
 
- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इलाज कराकर एमडीआर टीबी को अरविंद सिंह ने दी मात 
- गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता अर्चना कुमारी ने लक्षण दिखने पर करवाई जाँच और समुचित इलाज 
 
लखीसराय, 17 नवंबर-
 
जैसे ही मुझे टीबी बीमारी होने की जानकारी मिली कि तो मैं काफी घबरा  गया।  ऐसा लगने लगा कि अब जिंदगी मुश्किल होने वाली है । टीबी बीमारी को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की  बदौलत मात देने वाले सूर्यगढ़ा प्रखंड के पश्चिमी सलेमपुर निवासी 50 वर्षीय अरविंद सिंह ने कुछ इस तरह अपनी बात कही ।   उन्होंने आगे बताया आशा दीदी के    आश्वासन सुनकर मेरे मन में कुछ  सकारात्मक बदलाव हुआ और घबराहट में कमी आई। जिसके बाद मैंने  आशा दीदी के सहयोग से समुचित इलाज करवाया और आज पूरी तरह स्वस्थ हूँ। जबकि, बीमारी के दौरान काफी चिंतित था ।  मन में तरह-तरह के सवाल चल रहे थे ।  शरीर भी काफी कमजोर हो गया था।  लगता था जल्द से जल्द  ठीक हो कर अपने कार्य को कर सकूँगा   । तमाम परेशानियों और चुनौतियों को दरकिनार कर अपना समुचित इलाज करवाया और आज   खुशनुमा जिंदगी जी रहा हूँ। 
 
-  सकारातमक सोच के साथ सरकारी संस्थान में   इलाज करा  कर हुआ स्वस्थ्य
अरविंद सिंह ने बताया,एक दिन  गाँव की आशा कार्यकर्ता अर्चना कुमारी गृह भ्रमण  के दौरान मुझे खांसते और परेशान देखकर टोका । वह  बोली कि  आप इलाज क्यों नहीं करवा रहे हैं। मैंने कहा इलाज तो करा ही रहा हूँ, पर ठीक नहीं हो पा रहा हूँ। जिसके बाद उन्होंने कहा कि चलिए मेरे साथ सरकारी अस्पताल में।  निःशुल्क इलाज होता है।  वहाँ आप जरूर  ठीक हो जाएंगे । किन्तु, उनकी बातों पर मुझे और मेरे परिवार को विश्वास ही नहीं हो रहा था। क्योंकि, मैं निजी अस्पताल में  इलाज करा कर भी ठीक नहीं हो पा रहा तो इस परिस्थिति में  वह पूरी तरह निःशुल्क इलाज कराने की बात कह रही थी। आशा के काफी जिद करने के बाद मैं उनके साथ स्थानीय सरकारी अस्पताल पहुँचा। जहाँ मेरी  जाँच हुई । , जिसमें एमडीआर टीबी होने की पुष्टि हुई। जिसके बाद मेरा समुचित इलाज हुआ। इस दौरान आशा कार्यकर्ता का काफी सहयोग रहा। 
 
- टीबी बीमारी होने पर घबराएं नहीं, अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित जाँच और इलाज की मुफ्त सुविधा : 
टीबी बीमारी होने पर घबराना नहीं चाहिए। बल्कि, लक्षण दिखते ही स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में जाँच करानी चाहिए। दरअसल, यह एक सामान्य बीमारी है और समय पर जाँच कराने से आसानी के साथ बीमारी से स्थाई निजात मिल सकती है। इसके लिए अस्पतालों में मुफ्त समुचित जाँच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए, किसी भी व्यक्ति  को इलाज के लिए खर्च की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके अलावा सरकार द्वारा सहायता राशि भी दी जाती है। 
 
- ये हैं टीबी बीमारी के  प्रारंभिक लक्षण :- 
- 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना। 
- बलगम में खून आना। 
- एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना। 
- लगातार शरीर का वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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