फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आगे आ रहे युवा... सामुदायिक स्तर पर लोगों को कर रहें हैं जागरूक 

 
- जमुई की युवा गायिका प्रगति अपनी स्वर में गीत कर लोगों को दी फाइलेरिया उन्मूलन का संदेश 
- एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया से बचाव के लिए गीत में दवाई सेवन कर रहीं हैं अपील 
 
जमुई-
 
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गंभीर और सजग है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए 10 फरवरी से जिले भर में एमडीए अभियान चलेगा। जिसे हर हाल में सफल बनाने के लिए स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ जिले के तमाम विभागों के पदाधिकारी और कर्मी प्रयासरत हैं एवं जिले भर में व्यापक तैयारियां चल रही है। प्रशासनिक प्रयास का जिले में सार्थक परिणाम भी दिखने लगा है। सार्थक परिणाम यह कि अभियान की सफलता को गति देने के लिए जिले के युवा वर्ग भी आगे आ रहे हैं और फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन कितना जरूरी है, ये संदेश सामुदायिक स्तर पर पहुँचा रहें हैं। यही नहीं, इसके अलावा फाइलेरिया जैसी बीमारी से होने वाली परेशानियाँ की भी जानकारी दे रहे हैं। युवा का यह पहल और प्रयास सामुदायिक स्तर पर आई साकारात्मक बदलाव और जागरूकता का बड़ा परिणाम है। इसी कड़ी में जमुई की एक युवा गायिका प्रगति ने अपने स्वर में गीत कर सामुदायिक स्तर फाइलेरिया उन्मूलन का संदेश पहुँचा रहीं हैं। 
 
- एमडीए अभियान के दौरान फाइलेरिया से बचाव के लिए गीत में दवाई सेवन कर रहीं हैं अपील : 
 
जमुई की युवा गायिका प्रगति अपनी स्वर में गीत के माध्यम से ना सिर्फ सामुदायिक स्तर पर लोगों के बीच फाइलेरिया उन्मूलन का संदेश पहुँचा रहीं हैं। बल्कि, जिले में 10 फरवरी से फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर शुरू होने वाले एमडीए अभियान के दौरान इस बीमारी से खुद को सुरक्षित करने के लिए मेडिकल टीम द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाने वाली एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन करने का भी अपील कर रहीं हैं। साथ ही इस बीमारी से संक्रमित होने पर किस तरह शारीरिक परेशानियाँ को झेलने पड़ती है, सामान्य जिंदगी को एक मच्छर कैसे प्रभावित कर देती है, तमाम संदेश भी सामुदायिक स्तर पर लोगों के बीच अपनी गीत के माध्यम से पहुँचा रहीं हैं। प्रगति द्वारा गाई गई यह गीत पूरे जिले में वायरल हो रहा है और लोगों के बीच साकारात्मक संदेश जा रहा है। 
 
- फाइलेरिया संक्रमण होने पर खुद के लिए भी जिंदगी बन जाती है बोझ : 
 
फाइलेरिया संक्रमण की शिकायत होने के बाद ना सिर्फ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक परेशानियाँ का सामना करना पड़ता है। बल्कि, खुद के लिए भी जिंदगी बोझ बन जाती है। दरअसल, गंभीर रूप होने पर यह बीमारी लोगों को दिव्यांग तक बना देती है। इस बीमारी का लक्षण दिखने में 10-15 साल का समय लग जाता है। जिसके कारण संक्रमित होने वाले व्यक्ति को यह भी पता नहीं चल पाता है कि हम कब संक्रमण का शिकार हो गए। इस बीमारी से बचाव का एक ही सबसे बेहतर और आसान विकल्प है दवाई का सेवन। इसलिए, एमडीए अभियान के दौरान सभी लोग दवाई का सेवन करें और दूसरों को भी प्रेरित करें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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