फाइलेरिया से बचाव के लिए दवाई का सेवन ही एकमात्र विकल्प, इसलिए सभी लोग करें सेवन : डीएम


- फाइलेरिया उन्मूलन • जिले में एमडीए अभियान शुरू, 24 लाख, 80 हजार, 414 लोगों को खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोलऔर डीईसी की दवा 
- जिलाधिकारी ने खुद दवा खाकर अभियान की शुरुआत की 

बाँका-


शनिवार से जिले भर में फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर एमडीए अभियान की शुरुआत हुई। इस अभियान की शुरुआत जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने उर्दू प्रोन्नत मध्य विद्यालय बाँका में खुद दवा खाकर की। इसके बाद मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी और कर्मी ने भी दवा का सेवन किया। जिसके पश्चात उक्त विद्यालय के बच्चों को दवाई का सेवन कराया गया। वहीं, इस अवसर पर उक्त विद्यालय में ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन हुआ। इस दौरान जिलाधिकारी ने मौजूद सभी लोगों को फाइलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि इस बीमारी से बचाव के लिए दवाई का ही सेवन में एकमात्र और सबसे बेहतर विकल्प है। इसलिए, सभी लोग इस बीमारी से खुद को सुरक्षित रखने के लिए निश्चित रूप से एल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन करें और दूसरों को दवाई का सेवन के लिए प्रेरित करें। आज से जिले के सभी प्रखंडों में गठित स्वास्थ्य टीम घर-घर जाएगी और खुद के सामने में दवाई का सेवन कराएगी। वहीं, जिलाधिकारी ने मौजूद सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि आपलोग भी सामुदायिक स्तर पर लोगों दवा का सेवन करने के लिए जागरूक और प्रेरित करें। इस बीमारी को वर्ष 2027 तक पूरी तरह खत्म करने का सरकार ने लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसे सामुदायिक सहयोग से ही सफल बनाया जा सकता है। इस मौके पर डीपीएम (हेल्थ) ब्रजेश कुमार सिंह, भीडीसीओ मो. आरिफ इकबाल, हेल्थ मैनेजर राजेश रंजन सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी और कर्मी के अलावा पिरामल, पीसीआई समेत अन्य सहयोगी स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। 

- 24 लाख, 80 हजार, 414 लोगों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोलऔर डीईसी की दवा : 
डीभीबीडीसीओ डाॅ. योगेन्द्र प्रसाद मंडल ने कहा, जिले में कुल 24 लाख, 80 हजार, 414 लोगों का दवाई का सेवन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे हर हाल में पूरा करने के इस अभियान में जुटी सभी पदाधिकारी और कर्मी दिन-रात एक कर जुटे हुए हैं। सभी के सहयोग से इस बार फिर इस जिला को एमडीए अभियान में पूरे प्रदेश में अव्वल बनाया जाएगा। वहीं, उन्होंने बताया कि अभियान की सफलता को लेकर कुल 279 मेडिकल टीम का गठन किया गया। जिसमें 1923 आशा कार्यकर्ता एवं 236 वालंटियर शामिल है। जबकि, टीम का मानिटरिंग के लिए 97 सुपरवाइजर को भी लगाया गया है। इसके अलावा सभी पदाधिकारी और कर्मी भी मानिटरिंग कर रहें हैं। 

- निर्धारित डोज के अनुसार खिलाई जाएगी दवा, भूखे पेट नहीं खाएं दवा : 
भीडीसीओ मो. आरिफ इकबाल ने गर्भवती और दो वर्ष से छोटे बच्चे के अलावा गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को छोड़, शेष सभी लोगों को निर्धारित डोज के अनुसार दवाई खिलाई जाएगी। वहीं, उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति भूखे पेट दवा का सेवन नहीं करें। इसको लेकर गठित मेडिकल टीम को निर्देशित किया गया है। किन्तु, सभी लोग खुद भी इस बात का ख्याल रखें। 

- फाइलेरिया क्या है ? 
- फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है।
- किसी भी उम्र के व्यक्ति फाइलेरिया से संक्रमित हो सकता है।
- फाइलेरिया के लक्षण हाथ और पैर में सूजन (हाँथीपाँव) व हाईड्रोशील (अण्डकोष में सूजन) है। 
- किसी भी व्यक्ति को संक्रमण के पश्चात बीमारी होने में 05 से 15 वर्ष लग सकते हैं। 

- इन बातों का रखें ख्याल : 
- भूखे पेट दवा नहीं खिलाना है।
- किसी के बदले किसी अन्य को दवा ना दें और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खाएं।
- गर्भवती महिलाओं को दवा नहीं खिलाना है। 
- 02 वर्ष छोटे बच्चे को दवा नहीं खिलाना है। 
- गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को भी दवा नहीं खिलाना है। 

- फाइलेरिया से बचाव के उपाय : 
- सोने के समय मच्छरदानी का निश्चित रूप से प्रयोग करें।
- घर के आसपास गंदा पानी जमा नहीं होने दें।
- एल्बेंडाजोल व डीईसी दवा का निश्चित रूप से सेवन करें। 
- साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।

रिपोर्टर

  • Swapnil Mhaske
    Swapnil Mhaske

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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