पाॅलिटेक्निक काॅलेज में चलाया गया एमडीए अभियान, 300 एनसीसी कैटेड्स को खिलायी गयी फाइलेरिया रोधी दवा 

 
- फाइलेरिया उन्मूलन • अभियान के दौरान दवा का सेवन से होने वाले फायदे की दी गई जानकारी 
- फाइलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की भी जानकारी देकर किया जागरूक 
 
भागलपुर-
 
 
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग काफी गंभीर है और सजग है। जिसे सार्थक रूप देने के लिए जिले के तमाम पदाधिकारी और कर्मी हर स्तर पर लगातार प्रयासरत हैं। फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर जिले में चल रहे एमडीए अभियान के तहत अभियान में शामिल स्वास्थ्य टीम जहाँ घर-घर जाकर आमजनों को फाइलेरिया से बचाव के लिए अल्बेंडाजोल और डीईसी की दवा का सेवन करा रही है। वहीं, विभिन्न स्कूलों एवं अन्य सार्वजनिक जगहों पर अभियान चलाकर कैम्प मोड में छात्रों सहित सभी लोगों को दवाई का सेवन करा रही है। इसके अलावा जिले के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में भी स्वास्थ्य टीम दस्तक दे रही है और पदाधिकारियों एवं कर्मियों को भी दवाई का सेवन करा रही है। इसी कड़ी में रविवार को पाॅलिटेक्निक काॅलेज, बरारी में भीडीसीओ रविकांत कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम द्वारा एमडीए अभियान चलाया गया। जिसके दौरान एनसीसी कैटेड्स को पहले फाइलेरिया से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। जिसमें फाइलेरिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव की उपाय के साथ-साथ फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन से होने वाले फायदे समेत अन्य आवश्यक और जरूरी जानकारी दी। इसके बाद 300 कैटेड्स को दवा का सेवन कराया गया। इस मौके पर भीबीडीएस कुसुम कुमारी,पीसीआई से अनंत पांडेय, पीरामल फाउंडेशन से आनंद श्रीवास्तव, फाइलेरिया कंट्रोल यूनिट के माखन कुमार, सुनील कुमार आदि मौजूद थे। 
 
- दवाई सेवन से नहीं होता है कोई गंभीर दुष्प्रभाव, सभी लोग भय मुक्त होकर करें सेवन : 
 
भीडीसीओ रविकांत कुमार ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए 05 वर्षों तक दवाई का सेवन जरूरी है। जो व्यक्ति लगातार 05 वर्षों तक दवाई का सेवन करेंगे, उन्हें फाइलेरिया होने की संभावना नहीं के बराबर रहती है, अर्थात वह फाइलेरिया के प्रभाव से स्थाई रूप से सुरक्षित रहता है। इसलिए, मैं सभी लोगों से अपील करता हूँ कि इस विकृत बीमारी से बचाव के लिए निश्चित रूप से दवाई का सेवन करें। वहीं, उन्होंने कहा, दवाई सेवन से कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है। इसलिए, सभी लोग भय मुक्त होकर दवा का सेवन करें। वहीं, उन्होेंने बताया, डब्ल्यूएचओ के अनुसार फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। यह संक्रमण, जो आमतौर पर बचपन में होता है, लसीका प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है और अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो शरीर के अंगों में असामान्य सूजन हो जाती है। इसलिए, बचाव का एकमात्र विकल्प और सबसे बेहतर उपाय है, दवाई का सेवन। 
 
- भूखे पेट दवा का नहीं करें सेवन, दूसरों को भी करें प्रेरित : 
 
पीसीआई के अनंत पांडेय ने बताया, फाइलेरिया से बचाव के लिए जिले में चल रहे एमडीए अभियान के तहत लगातार स्वास्थ्य टीम द्वारा घर-घर जाकर लोगों को दवाई का सेवन कराई जा रही है। एक भी व्यक्ति दवाई का सेवन से वंचित नहीं रहे, इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को चिन्हित कर दवाई खिलाई जा रही है। किन्तु, दवाई सेवन के दौरान इस बात का भी विशेष ख्याल रखें कि भूखे पेट किसी भी कीमत पर दवा नहीं खाना है और हर हाल में स्वास्थ्य टीम के सामने में ही दवा का सेवन करना है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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