शहरी बस्तियों में कोरोना प्रसार पर लगेगा लगाम

• शहरी बस्तियों में इंसिडेंस रेस्पोंस इकाई रोकथाम गतिविधियों की तैयारी में करेगी सहयोग  

• संक्रमण की निगरानी के लिए स्वास्थ्य कर्मियों सहित सहयोगी संस्थानों से ली जाएगी मदद

• चिकित्सकीय एवं गैर-चिकित्सकीय उपायों से होगी कोरोना रोकथाम की कोशिश 

• एक व्यक्ति के सर के पीछे दूसरे व्यक्ति के पैर रख कर सोने से सामजिक दूरी का होगा पालन 

 

  भागलपुर/ 25 मई:

 

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रसार ने शहरों में अनौपचारिक बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलों को बढ़ा दिया है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इन बस्तियों में कोरोना की रोकथाम एवं संक्रमण की निगरानी को लेकर दिशानिर्देश जारी किया है. 

कोरोना संक्रमण के इस दौर में लोगों को सामाजिक दूरी अपनाने की निरंतर सलाह दी जा रही है. लेकिन यदि एक छोटे जगह में 1 से अधिक लोग रहे रहें हो तो सामाजिक दूरी का अनुपालन करना कठिन हो जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए जारी दिशानिर्देश में इस संबंध में जानकारी दी गयी है. यह बताया गया है कि यदि एक छोटे कमरे में एक से अधिक लोगों को सोना पड़े तो एक व्यक्ति के सर के पीछे विपरीत दिशा में दूसरे व्यक्ति द्वारा पैर रख कर सोया जा सकता है. इससे सामाजिक दूरी का एक हद तक अनुपालन संभव हो सकेगा. 

 

 

इन जगहों पर सामजिक दूरी का जरुर रखें ख्याल:

 

• पब्लिक शौचालय इस्तेमाल करने के दौरान 

• सामुदायिक वाटर पॉइंट्स पर 

• पीडीएस(पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम) पॉइंट्स पर 

• स्वास्थ्य केन्द्रों पर 

 

शौचायाल, सामुदायिक नल और ऐसी कॉमन जगहों को रोज़ सैनी टाईज़ करने पर बल दिया है |

इस दिशानिर्देश के अनुसार वर्ष 2011  की जनगणना के अनुसार देश के 2613 छोटे शहर/ शहरों में 6.54 करोड़ आबादी शहर के अनौपचारिकबस्तियाँ के 1.39 करोड़ घरों में रहती है, जो कुल शहरी आबादी का 17.4% है. पिछले कुछ वर्षों से इनकी संख्या में वृद्धि भी हुई है. ऐसी बस्तियां में  जरूरत से अधिक लोग निवास भी करते हैं. इसके कारण इन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण प्रसार को रोकना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. 

 

इंसिडेंस रेस्पोंस इकाई रोकथाम गतिविधियों की तैयारी में करेगी सहयोग:

दिशानिर्देश के मुताबिक शहरी बस्तियों की आबादी के अनुसार एक इंसिडेंस रेस्पोंस कमांडर को चिन्हित किया जाएगा. इंसिडेंस रेस्पोंस कमांडर कोरोना प्रसार की रोकथाम की कार्य-योजना, कार्रवाई, लोजिस्टिक एवं फाइनेंस टीम को चिन्हित कर कोरोना रोकथाम गतिविधियों की तैयारियों को कार्यान्वित करने में सहयोग करेंगे. 

 

शहरी बस्तियों में कंटेंनमेंट प्लान के क्रियान्वयन पर बल:

कोरोना संक्रमण प्रसार की अधिकता के मद्देनजर किसी क्षेत्र को कंटेंनमेंट जोन घोषित किया जाता है. लेकिन शहरों के अनौपचारिक बस्तियों में कंटेंनमेंट प्लान लागू करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इसके मद्देनजर दिशानिर्देश में कुछ जरूरी सलाह दी गयी है. यह बताया गया है कि इन बस्तियों में संक्रमण की निगरानी करना काफी जरुरी है. इसके लिए स्वास्थ्य कर्मी, आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, म्युनिसिपल स्वास्थ्य कर्मी, सामुदायिक हेल्थ वालंटियर्स के साथ एनएसएस, एनवाईके एवं अन्य गैर-सरकारी संस्स्थानों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी या कार्यपालक स्वास्थ्य पदाधिकारी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान कराया जाए जिसमें इन्हें कोरोना रोकथाम प्रोटोकॉल की विस्तार से जानकारी दी जाए. इसके लिए इन बस्तियों के अस्पतालों को भी संक्रमण रोकथाम की सभी तैयारी पूर्व में करने की जरूरत है. साथ ही गैर-चिकित्सकीय हस्तक्षेप के तहत हाथों की सफाई, सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क का इस्तेमाल जैसी अन्य जानकारियों पर आम जागरूकता बढाई जाएगी.

रिपोर्टर

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