सजग कार्यक्रम से  कोरोना काल में बच्चों के बौद्धिक विकास की हो रही कोशिश 

 
- आईसीडीएस और सीएलआर के सहयोग से किया जा रहा सजग कार्यक्रम का आयोजन
 - जिले भर में सजग कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों का किया जा रहा है बौद्धिक विकास
- अभिभावकों से यह अपील की गई है कि वो बच्चों के साथ अपने और उनके जीवन से जुड़ीं सुनहरी यादों को साझा करें
-  मंगलवार को अनचाहा व्यवहार पर जिलास्तरीय चौपाल का आयोजन
-  डीपीओ आईसीडीएस ने गूगल मीट के माध्यम से सभी सीडीपीओ के साथ की मीटिंग
 
लखीसराय-
कोरोना काल में बच्चों का पढ़ना-लिखना, खेलना-कूदना सब कुछ प्रभावित हो गया है। बच्चों का अपने साथ पढ़ने- खेलने वाले बच्चों से मिलना-जुलना भी बिल्कुल बंद हो गया है। ऐसे समय में बच्चे अवसाद के शिकार न हो जाएं, बच्चों का मानसिक विकास प्रभावित न हो जाए। इसको लेकर राज्य सरकार के समेकित बाल विकास सेवाएं विभाग और सेंटर फॉर लर्निंग रिसोर्स ने संयुक्त रूप से सजग कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों से यह अपील की गई है कि वो बच्चों के साथ अपने और उनके जीवन से जुड़ीं सुनहरी यादों को साझा करें। बच्चों को कहानियों के माध्यम से अपनी जीवन से जुड़ी अच्छी और यादगार घटनाओं को सुनाएं ताकि बच्चों का अकेलापन दूर हो और वो मानसिक बेचैनी, अवसाद से दूर रह सकें।
सफल कार्यन्वयन के लिए जिलास्तर पर प्रखंडों में कार्यरत बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ लगातार बैठक-
लखीसराय आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुमारी अनुपमा ने बताया कि इस कार्यक्रम के सफल कार्यन्वयन के लिए जिलास्तर पर प्रखंडों में कार्यरत बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी के साथ लगातार बैठक कर बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ हीं बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी अपने प्रखण्ड में कार्यरत महिला पर्यवेक्षिका को, सभी महिला पर्यवेक्षिका अपने सेक्टर में कार्यरत सभी आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को सजग कार्यक्रम के बारे में बताती हैं कि किस प्रकार से इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में घर कर रही अवसाद की स्थिति से उसे दूर कर सकती हैं।
वर्क फ्रॉम होम के जरिये काम कर रहे लोग अपने बच्चों के लिए निकालें वक्त :
आईसीडीएस डीपीओ कुमारी अनुपमा ने बताया कि कोरोना काल में जो लोग वर्क फ्रॉम होम के जरिये अपने- अपने घरों से कम कर रहे हैं वो भी अपने- अपने बच्चों के लिए थोड़ा वक्त निकाल कर उसे अपने जीवन के सुखद पहलुओं से रूबरू कराएं ताकि उनके अंदर घर कर रही बेचैनी की स्थिति समाप्त हो सके।
 आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के साथ सजग कार्यक्रम को लेकर लगातार कर रहीं हैं बैठक :
सूर्यगढ़ा की बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी स्वेता कुमारी ने बताया कि वो लगातार महिला पर्यवेक्षिका के साथ बैठक कर उन्हें सजग कार्यक्रम के प्रति प्रेरित कर रही हैं। ये सभी सेविका और सहायिका अपने क्षेत्र में घर - घर जाकर उनके मां- बाप को अपने बच्चे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की अपील कर रही हैं ताकि बच्चों का अकेलापन दूर हो सके और मानसिक बेचैनी और अवसाद से बाहर निकल सकें।
जिलास्तरीय चौपाल कार्यक्रम का  आयोजन-
सजग कार्यक्रम के तीसरे चरण में मंगलवार को गूगल मीट के माध्यम से अनचाहा व्यवहार पर जिलास्तरीय चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मीटिंग में आईसीडीएस डीपीओ कुमारी अनुपमा ने जिलेभर की सभी सीडीपीओ के साथ कार्यक्रम की समीक्षा की ।
कोरोना काल में  इन उचित व्यवहारों का करें पालन,-
- एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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