आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं ने सार्स कोविड-2 के म्यूटेंट रूप के जीनोम अनुक्रमण जांच के आरंभिक परिणाम किए जारी


23 दिसंबर, 2020 की मध्यरात्रि से 31 दिसंबर, 2020 तक ब्रिटेन से आने वाली सभी उड़ानों पर अस्थायी रोक

ब्रिटेन से आने वाले सभी विमान यात्रियों का अनिवार्य रूप से होगा आरटी-पीसीआर परीक्षण

ब्रिटेन में पाए गए सार्स कोविड-2 के म्यू टेंट रूप से निपटने के लिए 22 दिसंबर को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जारी किये गए मानक संचालन प्रोटोकॉल


पटना-



 भारत सरकार ने ब्रिटेन में कोविड-19 विषाणु की नई प्रजाति सार्स कोविड-2 के पाए जाने की खबरों का संज्ञान लेते हुए इसके जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने और तथा इसके नियंत्रण और बचाव के लिए समय से पहले ही एक सक्रिय रणनीति तैयार कर ली है। रणनीति के अनुसार ब्रिटेन से आने वाले सभी विमान यात्रियों का अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर परीक्षण किए जाएंगे। साथ ही आरटी-पीसीआर परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए सभी नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने के लिए इन्हें इस काम के लिए चिन्हित दस सरकारी प्रयोगशालाओं अर्थात आईएनएसएसीओजी( भारतीय सार्स कोविड-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) में भेजे जाएंगे। 

 

26 दिसंबर को हुयी राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की बैठक: 


परीक्षण, उपचार, निगरानी और नियंत्रण रणनीति पर विचार करने और सुझाव देने के लिए कोविड-19 के संबंध में 26 दिसम्बर को राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) की बैठक आयोजित की गयी। 26 दिसंबर, 2020 की बैठक में राष्ट्रीय कार्यबल (एनटीएफ) की ओर से इस पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की गई और यह निष्कर्ष निकाला गया कि सार्स कोविड-2 के नए म्यूटेंट रूप को देखते हुए मौजूदा राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल या मौजूदा परीक्षण प्रोटोकॉल में किसी तरह के बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। एनटीएफ ने यह भी सुझाव दिया कि मौजूदा निगरानी रणनीति के अतिरिक्त यदि कुछ करना है तो कोविड के नए रूप के जीनोम अनुक्रमण की निगरानी बढ़ाने पर ज्यादा जोर देना बेहतर होगा। साथ ही ब्रिटेन में पाए गए सार्स कोविड-2 के म्यूाटेंट रूप से निपटने के लिए 22 दिसंबर को राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को मानक संचालन प्रोटोकॉल जारी किये गए हैं. 



ब्रिटेन से भारत लौटे 33000 यात्रियों की होगी जाँच: 


25 नवंबर से 23 दिसंबर, 2020 की मध्यरात्रि तक लगभग 33,000 यात्री ब्रिटेन से भारत के अलग अलग हवाई अड्डों पर पहुंचे थे। इन सभी यात्रियों का राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से अपने यहां पता लगया जा रहा है और उन्हें आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए भेजा जा रहा है। इन यात्रियों में से अब तक केवल 114 के नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं। इन नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने के लिए इन सभी को इस काम के लिए चिन्हित दस (आईएनएसएसीओजी) प्रयोगशालाओं (एनआईबीएमजी,कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी-पुणे, सीसीएस-पुणे, सीसीएमबी-हैदराबाद, सीडीएफडी-हैदराबाद, इनस्टेम-बेंगलुरु, निमहास बेंगलुरु, आईजीआईबी-दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली) भेजा गया है।


ब्रिटेन से लौटे 6 विमान यात्रियों के नमूने  सार्स-2 से संक्रमित मिले: 


ब्रिटेन से लौटे 6 विमान यात्रियों के नमूने  सार्स-2 से संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से तीन का बेंगलुरु की निमहास प्रयोगशाला में,  दो का हैदराबाद की सीसीएमबी प्रयोगशाला में और एक का पुणे की एनआईवी प्रयोगशाला में संक्रमित होने का पता चला है। इन सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा की गई व्यवस्थाओं के अनुरुप स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों में अलग अलग कमरों में रखा गया है। इन लोगों के साथ निकट संपर्क में आए लोगों को भी क्वारंटीन कर दिया गया है। इनके परिवार वालों, इनके साथ विमान में आए अन्य यात्रियों और दूसरे लोगों का भी पता लगाने के लिए सघन अभियान चलाया गया है। अन्य नमूनों के जीनोम अनुक्रमण का पता लगाने का काम भी चल रहा है।


नया म्यूटेंट रुप सार्स कोविड-2  कई अन्य देशों में भी मिले: 


यह महत्वमपूर्ण है कि अभी तक ब्रिटेन में कोविड का नया म्यूटेंट रुप सार्स कोविड-2 डेनमार्क,  नीदरलैंड,  ऑस्ट्रेलिया,  इटली,  स्वीडन,  फ्रांस,  स्पेन,  स्विट्जरलैंड,  जर्मनी,  कनाडा,  जापान,  लेबनान और सिंगापुर में पाया गया है। इसलिए स्थिति की सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है और साथ ही नियमित रूप से राज्यों को इस बात की सलाह दी जा रही है कि वह निगरानी और नियंत्रण की अपनी व्यवस्था दुरुस्त बनाए रखें और नमूनों की जांच कराने के लिए इन्हें चिन्हित प्रयोगशालाओं में भेजें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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