- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

व्यक्तिगत स्वच्छता एवं मासिक स्वच्छता प्रबंधन पर किशोरियों का हुआ उन्मुखीकरण
- by
- Jan 08, 2021
- 3161 views
• सहयोगी द्वारा किशोरियों को व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया
• समाज में व्याप्त गलत धारणाओं को दूर करना आवश्यक
• बिहार में महिलाओं एवं किशोरियों के स्वास्थ्य की अनदेखी
पटना-
गुरूवार को “सहयोगी” के द्वारा नरगद्दा में किशोरियों का व्यक्तिगत स्वच्छता एवं मासिक स्वच्छता प्रबंधन विषय पर उन्मुखीकरण कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में गाँव की 30 किशोरियों ने भाग लिया। उन्हें मासिक स्वच्छता की अनदेखी करने और परिणामस्वरूप उनसे होने वाली बीमारियों के बारे में चर्चा किया गया। इस दौरान महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के दौरान होने वाली चुनौतियों और इस विषय में ख़ामोशी तोड़ने की बात कही गई।
महिलाओं एवं किशोरियों के लिए माहवारी स्वच्छता पर बात करना जरुरी:
इस दौरान सहयोगी संस्था की निदेशिका रजनी ने प्रतिभागियों को बताया कि महिलाओं और किशोरियों को माहवारी के समय अनेक प्रकार की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह हमारे व्यक्तिगत स्वच्छता का एक अहम् विषय है और इस विषय में खुलकर बात करने की जरूरत है। यद्यपि आज सरकार के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत इस आंगनबाड़ी केन्द्रों, विद्यालयों में स्थानीय स्तर पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराया जाता है, परन्तु अभी भी अधिकाँश किशोरियाँ एवं महिलाएँ पारंपरिक तरीकों को ही अपनाती हैं. यह आवश्यक है कि उन्हें कपड़ों के इस्तेमाल के बारे में सही जानकारी दी जाये।
उन्होंने चर्चा में आगे कहा कि किशोरियाँ एवं महिलाएँ इस विषय में बात करने में बहुत संकोच करती हैं, बहुत-सी किशोरियाँ इस दौरान अपने स्कूल नहीं जा पाती हैं। अभी भी लोग इस प्राकृतिक प्रक्रिया के बारे में गलत अवधारणा रखते हैं एवं इसे अपराध मानते हैं। हमारे परिवार में भी इस बारे में कोई बातचीत नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 58 प्रतिशत महिलाएँ ही माहवारी प्रबंधन के लिए स्वच्छ साधनों का उपयोग कर पाती हैं। कई परिवारों में लड़कियों को माहवारी चक्र के दौरान अलग-थलग कर दिया जाता है, उनका रसोई और मंदिर जान वर्जित कर दिया जाता है। परिवार के पुरुषों को इस विषय में बात नहीं करने की हिदायत दी जाती है। यह भी हिंसा एवं भेदभाव का एक प्रकार है। आज आवश्यकता है कि इस बारे में घर में किशोरियों से बात कर उन्हें सही मार्गदर्शन किया जाए. विद्यालायों में भी इस विषय को यौन शिक्षा और स्वच्छता से जोड़कर बातचीत किया जाए क्योंकि मासिक धर्म को लेकर जागरूकता जरूरी है। अभी हाल में इस विषय में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए फीचर फिल्म ‘पैड मैन’ भी आया था।
प्रतिभागियों ने भी रखी अपनी बात:
इस अवसर पर प्रतिभागी किशोरियों ने भी अपने अनुभवों के बारे में बताया। रंजू ने कहा कि जब उसे पहली बार मासिक चक्र हुआ तो वह दो दिन तक खाना नहीं खा पाई थी। निशु ने बताया कि उसे इस बारे में जानकारी नहीं होने के कारण बहुत डर गई थी। प्रतिभागियों ने अपने हाथ में ‘रेड डॉट्स’ लगाकर इस विषय में चुप्पी तोड़ने की पहल की।
यह ज्ञातव्य हो कि सहयोगी द्वारा पटना के विभिन्न गांवों में घरेलु हिंसा एवं जेंडर हिंसा के मुद्दे पर सामुदायिक जागरूकता का कार्यक्रम करती है एवं इस विषय पर सभी हितभागियों के साथ अलग-अलग फोरम पर संवाद करती है। किशोरियों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य-स्वच्छता की अनदेखी को भी हिंसा का एक रूप माना जाता है। सहयोगी द्वारा किशोर-किशोरियों को जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में सहयोगी से कार्यक्रम प्रमुख रजनी, उन्नति, उषा देवी ने प्रभागिता की।
संबंधित पोस्ट
Indian Industries to Get Global Platform as Index 2025 2.0 to Be Held in Patna,Bihar
- May 21, 2025
- 54 views
Bethal Football Academy Shines at Blue Cup Tournament Despite U-11 Final Heartbreak
- May 18, 2025
- 310 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar