डीएमटी प्रशिक्षित जीएनएम अनामिका और प्रिया भारती ने सुरक्षित प्रसव के दौरान पीपीएच की जटिलताओं को सहजतापूर्वक सुलझाया

  


- बेगूसराय के तेघड़ा पीएचसी में प्रसव के लिए आई अर्चना कुमारी के प्रसव के दौरान उत्पन्न जटिलता को सूझबूझ के साथ सुलझाया  


बेगूसराय-

 डीएमटी फैसिलिटी प्रशिक्षित जीएनएम नर्स अनामिका कुमारी और प्रिया भारती ने तेघड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए आई अर्चना कुमारी के प्रसव के दौरान उत्पन्न पीपीएच की जटिलता को सही समय पर पहचान कर सही तरीके से सुलझाया । बेगूसराय के महेश वारा निवासी राजेश कुमार पासवान की पत्नी 31 वर्षीय अर्चना का सुरक्षित प्रसव तेघड़ा पीएचसी में डीएमटी ट्रेनिंग प्राप्त जीएनएम अनामिका कुमारी और प्रिया भारती ने कराया था। 


बेगूसराय जिले के तेघड़ा पीएचसी में अर्चना कुमारी का सुरक्षित प्रसव कराने वाली जीएनएम अनामिका कुमारी ने बताया कि 18 फरवरी को संस्थागत सुरक्षित प्रसव के लिए बेगूसराय के महेशवारा की अर्चना कुमारी रजिस्ट्रेशन नंबर 3764 / भर्ती हुई। अस्पताल में भर्ती होने के समय गर्भवती महिला का वाइटल सामान्य और बीपी 120/160 एमएमएचजी और एफएचआर 144/मिनट था। अस्पताल में भर्ती होने के वक्त गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा (लेबर पेन) और कॉन्ट्रेक्शन भी ठीक था। इसके बाद महिला ने सुबह करीब  04. 30 बजे बिना किसी जटिलता (कॉम्प्लिकेशन) के बच्ची को जन्म दिया। जन्म के समय बच्ची का वजन 3395 ग्राम था। इसके बाद प्रसूति माता और उसकी बच्ची को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। 


प्रसूति की कॉम्प्लिकेशन को  डीएमटी प्रशिक्षण प्राप्त जीएनएम ने सूझबूझ  से किया  हैंडल : 

जीएनएम अनामिका कुमारी ने बताया बच्ची के जन्म के बाद अचानक से माता को ब्लीडिंग होने के साथ कॉम्प्लिकेशन होना शुरू हो गया। बताया कि सीसीटी ( कंट्रोल कोर्ड ट्रैक्शन) नियंत्रित तरीके से नाल का खिंचाव खून का झोका  आने के बाद शुरू किया। फिर पेरिनियल और वेजाइनल कोनिकल टियर के लिए जांच की  तो सब कुछ सामान्य था। उन्होंने  बताया कि डिलीवरी के बाद अर्चना का यूटरस संकुचित नहीं हो पाया था। यानी एटोनिक पीपीएच का केस था। उस समय ड्यूटी पर तैनात जीएनएम सिस्टर प्रिया भारती को बुलाया गया  और  फंडल मसाज देना शुरू किया गया । प्रिया ने आईवी फ्लूड सेट कर दोनों हाथ में एल्विन लगाया । इसके बाद हाथ में प्लेन आरएल व दूसरी हाथ में 20 आईवी ऑक्सीटोसिन डालकर 50 एमएम प्रति मिनट के अनुसार देना शुरू किया |  कैथेटर लगाई गयी तो इसके बाद यूटरस कॉन्ट्रैक्ट हुआ और ब्लीडिंग भी बंद हो गई।  बताया कि जटिलता (कॉम्प्लिकेशन) की  पहचान करने के साथ ही हम दोनों ने बेहतर ढंग से स्थिति को संभाला।


हम दोनों सिस्टर ने सही समय पर सही निर्णय लेते हुए स्थिति को बेहतर ढंग से किया हैंडल : 

उन्होंने  बताया कि हम दोनों सिस्टर ने सही समय पर सही निर्णय लेकर केस के प्रति अपनी पूरी जिम्मेदारी  निभाई  और बहुत ही बढ़िया तरीके से पीपीएच और शॉक  का प्रबंधन किया । ड्यूटी पर तैनात दोनों डीएमटी प्रशिक्षण प्राप्त सिस्टर ने लगातार वाइटल साइन को ऑब्सर्ब किया और 30 मिनट के बाद माता के बीपी की  जांच की तो बीपी120 /70 एमएम एचजी नोट किया गया। इसके बाद प्रसूति माता ने खुद को बेहतर महसूस करते हुए परेशानी से खुद को बाहर बताया । इसके बाद दिन के 11. 30 बजे माता और उसके बच्चे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 


एनएमएस की  अनुपस्थिति में जिम्मेदारी पूर्वक मरीज  का ध्यान रखने के लिए काबिले तारीफ है डीएमटी मेंटर्स का प्रयास : 

बेगूसराय जिले कि केयर इंडिया के फैमिली प्लांनिग कोऑर्डिनेटर  ने बताया कि एनएमएस कि अनुपस्थिति में इन डीएमटी प्रशिक्षित मेंटर्स के द्वारा जिम्मेदारी पूर्वक रोगियों की  देखभाल करने के साथ ही कॉम्प्लिकेशन को पहचानते हुए उसे सुरक्षित तरीके से हैंडल करना वाकई में काबिले तारीफ है।  केयर इंडिया टीम और राज्य सरकार की  पूरी टीम को दोनों डीएमटी मेंटर अनामिका कुमारी और प्रिया भारती पर गर्व है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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