नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे- 5: जिले में परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधनों को अपनाने वालों की संख्या में हुई बढ़ोतरी

  


- आंकड़ों के अनुसार मुंगेर का टोटल फर्टिलिटी रेट 3.4 से घटकर 3.0 पर आया है। 

- जिले भर में 14 जनवरी से 31 मार्च तक चल रहा मिशन परिवार विकास एवं संचार अभियान 


मुंगेर-


 मुंगेर जिले में परिवार नियोजन के प्रति लोगों में काफी जागरूकता आई है। नवदम्पतियों सहित जिले के सभी लोगों में परिवार नियोजन के लिए स्थाई और अस्थाई साधनों के इस्तेमाल के प्रति काफी उत्सुकता देखी जा रही है। काफी संख्या में लोग परिवार नियोजन के लिए दोनों साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। यही कारण है कि एनएचएफएस 5 के आंकड़ों के अनुसार जिले की  टोटल फर्टीलिटी रेट 3.4 से घटकर 3.0 पर आ गयी  है। टोटल फर्टिलिटी रेट को 3.0 से  घटाकर 2.0 पर लाने के लिए 14 जनवरी से 31 मार्च तक जिले भर में मिशन परिवार विकास एवं संचार अभियान जोर-शोर से चल रहा है। 

लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है-केयर इंडिया की फैमिली प्लांनिग को - ऑर्डिनेटर तस्नीम रजि ने बताया कि जिले के लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरूकता देखी जा रही है। इसका प्रमाण है कि सदर अस्पताल  सहित जिले के सभी पीएचसी में परिवार नियोजन के लिए ऑपरेशन करवाने के लिए काफी संख्या में महिला और पुरुष पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावे जिले में परिवार नियोजन के लिए अन्य स्थाई और  अस्थाई साधनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों की  संख्या में भी काफी सुधार हुआ है। इसका खुलासा राष्ट्रीय परिवार सर्वे 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार हुआ है। 


एनएफएचएस- 5 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में हुआ सुधार : 

उन्होंने बताया कि एनएफएचएस 4- 2015 - 16 की  तुलना में एनएफएचएस 5- 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार जिले में परिवार नियोजन के लिए उपयोगी साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में सुधार हुआ है। 

एनएफएचएस 4 की  तुलना में  एनएचएफएस 5 2019 - 2020 के आंकड़े इस प्रकार से हैं  - 

1. परिवार नियोजन के लिए कोई भी साधन अपनाने वाले लोगों की  संख्या 35.4% से बढ़कर  68.% हुई है। 

2. परिवार नियोजन के लिए कोई भी आधुनिक साधन अपनाने वाले लोगों कि संख्या 33.6% से बढ़कर 49.0% हो गई है। 

3. परिवार नियोजन के लिए महिला बंध्याकरण (फीमेल स्टरलाइजेशन) कराने वालों की संख्या 30.7% से बढ़कर 33.7% हो गई है। 

4. परिवार नियोजन के लिए पुरुष नसबंदी (मेल स्टरलाइजेशन) कराने वालों की संख्या 0.0% से बढ़कर 0.2% हुई है। 

5.परिवार नियोजन के लिए आईयूडी,पीपीएयूडी साधन इस्तेमाल करने वाले लोगों की  संख्या 0.3% से 0.6% हो गई है। 

6. परिवार नियोजन के लिए पिल का इस्तेमाल करने वाले लोगों की  संख्या 0.3% से बढ़कर 3.1% हो गई है। 

7.परिवार नियोजन के लिए कंडोम  इस्तेमाल करने वाले लोगों की  संख्या 1.7% से बढ़कर 8.6% हो गई है।

8. परिवार नियोजन के लिए सुई (इंजेक्शन) लगवाने वाली महिलाओं की  कुल संख्या 0.4% से बढ़कर 1.1% हो गई है। 

इसके साथ ही परिवार नियोजन के लिए सुविधाओं में   हुआ सुधार 19.8% से बढ़कर 23.3% हो गया है।


परिवार नियोजन के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले के विभिन्न प्रखण्डों में ई. रिक्शा के माध्यम से की जा रही माइकिंग : 

उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार जिले में परिवार नियोजन के साधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में भले ही बढ़ोतरी हुई है लेकिन जिले की  टोटल फर्टिलिटी रेट अभी भी 3.0 से अधिक है। इसे 3.0 से घटाकर 2.0 पर लाने के उद्देश्य से 14 जनवरी से 31 मार्च तक मिशन परिवार विकास एवं संचार अभियान चल रहा है। इस अभियान के तहत जिले के सभी प्रखण्डों में आरोग्य दिवस के दिन सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के पास ई. रिक्शा के माध्यम से माइकिंग कर लोगों को परिवार नियोजन के महत्व और जरूरत के साथ ही परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों  को  अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है। बताया कि इसके साथ ही एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका के साथ ही केयर इंडिया के प्रतिनिधियों के द्वारा घर- घर जाकर एवं जागरूकता रैली निकाल कर लगातार लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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