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होम आईसोलेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिए निर्देश
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- Apr 29, 2021
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• होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को रेमेडेसिवीर इंजेक्शन इस्तेमाल नहीं करने की सलाह
• मरीज की देखभाल करने वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत
• सांस लेने में दिक्कत, छाती में दर्द एवं ऑक्सीजन स्तर 94 से कम होने पर ही अस्पताल जाने की सलाह
• कम से कम 10 दिन होम आईसोलेशन में रहना जरुरी
• मास्क के भींगने पर तुरंत बदल लें मास्क, आठ घंटे से अधिक नहीं करें इस्तेमाल
पटना/ 29, अप्रैल:
पिछले साल 2 जुलाई को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के माइल्ड एवं बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए होम आईसोलेशन की सलाह दी थी एवं इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया था. इस वर्ष पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के स्वरुप में काफ़ी बदलाव देखने को मिल रहे हैं. इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने होम आईसोलेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें होम आईसोलेशन के लिए मरीजों की योग्यता, होम आईसोलेशन में मरीजों द्वारा ध्यान देने योग्य बातें, मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए सलाह, चिकित्सकीय सलाह एवं अस्पताल में भर्ती होने की परिस्थितियों सहित होम आईसोलेशन में जरुरी ईलाज आदि बातों की विस्तार से जानकारी दी गयी है.
गाइडलाइन में कहा गया है कि माइल्ड या बिना लक्षण (असिम्टोमेटिक) वाले रोगी ही होम आइसोलेशन के लिए योग्य हैं. माइल्ड लक्षण वाले रोगियों को बुखार, कफ, खांसी, नाक बहना या बदं होना, सिरदर्द, थकान आदि रहता है.
चिकित्सा पदाधिकारी की सलाह के बाद होम आइसोलेशन:
गाइडलाइन में कहा गया है कि चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज में माइल्ड अथवा बिना लक्षणों की पुष्टि किये जाने के बाद रोगी को होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. सेल्फ आइसोलेशन के दौरान ऐसे रोगियों के लिए हरसमय एक देखभालकर्ता को मौजूद होना जरूरी है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी के स्वास्थ्य के निगरानी व अद्यतन जानकारी देने के लिए देखभालकर्ता को अस्पताल के साथ संवाद बनाये रखना बहुत जरूरी है. वैसे कोविड मरीज जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है तथा हाइपरटेंशन, मधुमेह तथा लंग, लीवर, किडनी तथा तंत्रिका तंत्र से जुड़े गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें चिकित्सा पदाधिकारी के निर्देश व सलाह के बाद ही होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए.
इन मरीजों को होम आइसोलेशन में नहीं रखने की सलाह:
गाइडलाइन में कहा गया है कि होम आइसोलेशन के दौरान रेमेडिसिविर का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है. इसके साथ ही यह जानकारी दी गयी है कि वैसे रोगी जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ हो, एचआइवी ग्रसित हों या फिर कैंसर थेरेपी आदि हुआ है उन्हें होम आइसोलेशन में नहीं रखा जाना चाहिए. ऐसे मरीजों के लिए चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा सभी जांच के बाद ही होम आइसोलेशन में रखे जाने की सलाह दी गयी है. कोविड रोगी के देखभाल करने वाले व उनके संपर्क में आने वाले सभी लोगों को तीन लेयर वाले मास्क का इस्तेमाल करें.
कोविड रोगी एवं देखभालकर्ता इन बातों का रखें ध्यान:
गाइडलाइन में कोविड रोगी को घर के एक कमरे में रहने तथा विशेषतौर पर परिवार में मौजूद गंभीर रोगों से ग्रसित लोगों से दूरी बनाकर रहने के लिए कहा गया है. साथ ही कमरे में पर्याप्त फ्रेश हवा की मौजूदगी एवं इसके लिए वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. कमरे में देखभालकर्ता तथा रोगी दोनों तीन लेयर के मास्क इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है. साथ ही अधिकतम आठ घंटे तक ही एक मास्क का इस्तेमाल करने की बात कही गयी है. मास्क के भींग जाने के बाद उसे तुरंत बदल लें. देखभालकर्ता को मरीज से शारीरिक दूरी, नियमित अन्तराल पर हाथों की सफ़ाई एवं रोगी के द्वारा इस्तेमाल की जा रही चीजों का घर के अन्य सदस्यों से दूर रखने की हिदायत भी दी गयी है. गाइडलाइन में मास्क एवं अन्य चीजों के सुरक्षित डिस्पोजल की भी सलाह दी गयी है.
इन परिस्थितियों में चिकित्सकीय सलाह जरुरी:
• सांस लेने में तकलीफ़ होने पर
• ऑक्सीजन का स्तर 94 से कम होने पर
• छाती में लगातार दर्द का बने रहना या अचानक बढ़ जाना
• मानसिक रूप से अधिक परेशान होने पर
10 दिन बाद आ सकते हैं आइसोलेशन से बाहर:
होम आइसोलेशन में रहने वाले रोगी 10 दिनों के बाद बाहर आ सकते हैं. होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद जांच की कोई आवश्यकता नहीं होती है. होम आइसोलेशन के दौरान रोगी अधिक से अधिक आराम करें और खूब पानी पीकर शरीर में पानी की मात्रा को बढ़ायें. श्वसन संबंधी सुरक्षा तथा व्यवहार के नियमों का पालन करें. साबुन पानी से हाथों को नियमित रूप से 40 सेकेंड तक अवश्य धोंयें. व्यक्तिगत इस्तेमाल वाली चीजें साझा नहीं करें. रोगी के कमरे को एक प्रति हाइपोक्लोराइट से टेबल, दरवाजे, आदि साफ करें. कोविड के माइल्ड लक्षण वाले रोगी अपने शरीर के आॅक्सीजन स्तर की निगरानी करते रहें.
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar