- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

कलाई पर उजले एवं लाल डॉट से ब्रासलेट बनाकर लोगों को किया अगाह
- by
- May 28, 2021
- 1546 views
पटना- 28 मई-
किसी भी बदलाव की शुरुआत आवाज बुलंद करने से ही शुरू होती है. विशेषकर जब युवाएं एकजुट होकर किसी मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय रखते हैं तो बदलाव की बुनियाद और मजबूत हो जाती है. युवाओं की कुछ ऐसी ही एकजुटता विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस पर देखने को मिली. हाथों की कलाई पर उजले एवं लाल डॉट से ब्रासलेट बनाकर जहाँ युवाओं ने मासिक स्वच्छता के प्रति जागरूकता की मुहिम में ख़ुद को शामिल करते दिखे, वहीं कुछ युवाओं ने माहवारी स्वच्छता पर स्लोगन एवं विडियो जारी कर इस मुहिम को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता भी जाहिर की. बताते चलें युवाओं को माहवारी स्वच्छता जैसे अति-संवेदनशील मुद्दे पर एक मंच पर लाने का प्रयास सहयोगी संस्था द्वारा की गयी है. विगत कुछ दिनों से सहयोगी संस्था इस दिशा में कार्य करते हुए लगभग 1000 युवाओं को इस मुहिम में जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित की है.
युवाओं की सहभागिता लिखेगी बदलाव की कहानी:
सहयोगी संस्था की कार्यकारी निदेशक रजनी ने बताया कि’ माहवारी स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर लोगों की चुप्पी के कई अर्थ हैं. हमारा समाज महिलाओं को सभी तरह के अधिकार दिलाने की दुहाई करता दिखता तो है, लेकिन जब माहवारी स्वच्छता जैसे महत्वपूर्ण विषय पर जागरूकता बढ़ाने की बात आती है तो वही समाज इसे पर्दे की चीज कहकर दरकिनार भी कर देता है. परिवार एवं समाज का निर्माण हम सब से ही मिलकर हुआ है, जिसमें सबसे अधिक संख्या अभी भी युवाओं की है. इस लिहाज से युवाओं को इस मुद्दे पर जोड़ना जरुरी है. इसलिए सहयोगी संस्था ने इस दिशा में पहल करते हुए किशोर एवं किशोरियों को एक साथ जोड़कर माहवारी स्वच्छता पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने इस मुहिम में युवाओं के उत्साह की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि इस मुहिम में अन्य पड़ोसी राज्यों के युवा भी शामिल होंगे. लेकिन झारखंड राज्य के कुछ युवा इस मुहिम में शामिल होकर स्लोगन एवं अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक कर रहे हैं. यह एक अच्छी शुरुआत है. कोशिश की जाएगी कि इस मुहिम को और आगे ले जाया जाए.
माहवारी का रक्त जमता नहीं है-एक नारी की तरह:
गवर्नमेंट वीमेन कॉलेज की डिपार्टमेंट ऑफ़ केमेस्ट्री की असिस्टेंट प्रोफेसर कुमारी निमिषा ने इस पहल के लिए सहयोगी संस्था को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि माहवारी का खून वेन से निकलने वाला रक्त होता है जो कभी जमता नहीं है. ठीक यही स्ववभाव सभी नारी का भी है जो तमाम चुनौतियों में भी आगे बढ़ते रहती है. वह कहती हैं कि प्रत्येक महीने जो हमारा रक्त बहता है, उसके बदले हमें प्रकृति से रचनात्मकता भी मिलती है.
माहवारी से नफरत करना छोड़ें:
इको क्लब की इंचार्ज कंचन सिंह कहती हैं कि माहवारी से नफरत करना सभी को छोड़ना होगा. यही अगले पीड़ी के लिए रास्ता है. उन्होंने कहा कि माहवारी गहराई में एक नए जीवन को प्रदान करने की तैयारी है. इसे इसी रूप में लिया जाना चाहिए.
माहवारी के 7 दिन उत्सव होने चाहिए:
कक्षा 8 में पढ़ने वाली बोकारो की साक्षी कहती हैं कि लड़कियों को सबसे मजबूत रूप में ही चुना गया है. तभी तो वह माहवारी को आसानी से सह लेती है. उनके अनुसार माहवारी की अवधि को एक उत्सव के रूप में देखने और मनाने की जरूरत है. इससे लोगों के मन में इसके प्रति सोच भी बदलेगी और समाज में जागरूकता भी आएगी.
मासिक धर्म पर दूर करें अज्ञान, नारी शक्ति का करें सम्मान:
जागरूकता मुहिम को सशक्त करते हुए सुप्रिया कुमारी ने माहवारी स्वच्छता पर कई स्लोगन लिखकर लोगों को जागरूक किया. ‘मासिक धर्म पर दूर करें अज्ञान, नारी शक्ति का करें सम्मान’, माहवारी को न माने परेशनी, यह है नारी शक्ति की निशानी’ जैसे स्लोगन के जरिए सुप्रिया ने समुदाय को एक मजबूत सन्देश दिया.
संबंधित पोस्ट
Independence Day Celebration Marked with Discussion on Patriotism and Nation-Building
- Aug 20, 2025
- 38 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar