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पोषण और पुनर्वास केंद्र में 5 साल से कम उम्र के कुपोषित (सैम) बच्चों की होगी टीबी स्क्रीनिंग
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- Jul 18, 2021
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- नेशनल हेल्थ मिशन के संयुक्त सचिव डॉ.पी. अशोक बाबू ने जारी की है इससे संबंधित एक चिट्ठी
- बच्चों में सही समय पर टीबी की पहचान हो जाने के बाद सही इलाज के बाद ही 2025 तक देश को किया जा सकता है टीबी मुक्त
मुंगेर -
अब सदर अस्पताल मुंगेर स्थित पोषण और पुनर्वास केंद्र( एनआरसी) में भर्ती 5 से कम उम्र के सेवर एक्यूट मालन्यूट्रिशन (सैम) बच्चों की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। इससे सम्बंधित एक पत्र विगत 12 जुलाई को नेशनल हेल्थ मिशन के संयुक्त सचिव डॉ. पी अशोक बाबू ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मिशन डायरेक्टर को जारी किया है।
सही समय पर टीबी की स्क्रीनिंग जरूरी , टीबी की पहचान होने पर सही और समुचित इलाज हो सकेगा -
डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर मुंगेर के डिस्ट्रिक्ट टीबी/ एचआईवी कोऑर्डिनेटर शैलेन्दु कुमार ने बताया कि ट्यूबर क्लोसिस और कुपोषण दोनों एक दूसरे से काफी हद तक जुड़ा हुआ है। टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए आवश्यक है कि सभी पोषण एवं पुनर्वास केंद्र में भर्ती सेवर एक्यूट मालन्यूट्रिशन (सैम) बच्चों की क्लीनिकल रिपोर्ट और फैमिली हिस्ट्री के आधार पर टीबी स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने बताया कि सेवर एक्यूट मालन्यूट्रिशन (सैम) से ग्रसित बच्चों में सही समय पर टीबी की स्क्रीनिंग करने के बाद टीबी की पहचान होने पर सही और समुचित इलाज होने के बाद ही सन 2025 तक जिला के साथ- साथ पूरे देश को टीबी मुक्त किया जा सकता है।
बच्चों की का नई गाइड लाइन के अनुसार टीबी स्क्रीनिंग करायी जाएगी
जिला स्वास्थ्य समिति मुंगेर के डीपीसी और एनआरसी मुंगेर के नोडल अधिकारी विकास कुमार ने बताया कि 5 साल से कम उम्र के वैसे बच्चे जो सेवर एक्यूट माल न्यूट्रीशन (सैम) से ग्रसित हैं को पोषण के साथ- साथ इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सदर अस्पताल मुंगेर परिसर में पोषण एवं पुनर्वास केंद्र ( एनआरसी) की सुविधा उपलब्ध है। यहां अभी कुल 9 बच्चे भर्ती हैं । इस सभी बच्चों की का नई गाइड लाइन के अनुसार टीबी स्क्रीनिंग करायी जाएगी
डिस्ट्रिक्ट टीबी कोऑर्डिनेटर शैलेन्दु कुमार ने बताया कि कुपोषण के शिकार बच्चों में टीबी की संभावना रा अधिक होती है। इसलिए कुछ सावधानी बरतने के बाद बच्चों को टीबी से बचाया जा सकता है।
- अपने बच्चों को गंभीर खांसी से पीड़ित लोगों के सम्पर्क में आने से बचाएं।
- अपने बच्चों को नियमित टीका करण के तहत सभी आवश्यक टीका लगवाएं।
- टीबी वैक्सीनेशन में टीबी का भी टीका शामिल होता है।
- टीबी का लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर के पास ले जाएं।
- एंटी टीबी दवाओं का कोर्स बच्चों को अवश्य पूरा करवाएं ।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar