रैली निकालकर लोगों को स्तनपान के प्रति किया जागरूक

-नवजात को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने की दी जा रही सलाह

-जिले में स्तनपान सप्ताह के तहत चलाए जा रहे हैं विभिन्न कार्यक्रम

भागलपुर-


 जिले में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इसे लेकर तमाम तरह के कार्यक्रम हो रहे हैं। आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका घर-घर जाकर महिलाओं को स्तनपान कराने को लेकर जागरूक कर रही हैं। इसी सिलसिले में गुरुवार को नाथनगर प्रखंड की कजरैली पंचायत के तेतरहार गांव में गुरुवार को रैली निकाली गई। रैली में कोरोना की गाइडलाइन का पालन किया गया, इस वजह से 10 गर्भवती और धात्री महिलाओं को ही शामिल किया गया। साथ ही सभी महिलाओं ने मास्क भी लगाए थे। रैली में शामिल महिलाओं ने गांव में घूमकर लोगों को स्तनपान कराने के फायदे बताए। महिलाओं को बताया गया कि जन्म से छह माह तक बच्चों को मां का दूध ही पिलाएं। इस दौरान पानी तक देने की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसा करने से बच्चों का समग्र विकास होता है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है, जिससे वह भविष्य में होने वाली किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने में सक्षम होता है।

शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां का दूध जरूरी होता

रैली का संचालन कर रही सेविका रंजना कुमारी ने बताया कि बच्चों के संपूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए मां का दूध जरूरी होता है। स्तनपान कराने से बच्चों का मां के साथ भावनात्मक लगाव भी बढ़ता है। इन्ही सब बातों को हमलोगों ने महिलाओं को बताया। महिलाओं को बताया कि अगर जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू करा देते हैं तो उसमें मृत्यु की संभावना काफी कम हो जाती है। नवजात के लिए मां का पहला पीला गाढ़ा दूध संपूर्ण आहार होता है। इसलिए जन्म के एक घंटे के अंदर ही मां को स्तनपान कराना शुरू कर देना चाहिए। इससे बच्चे मानसिक तौर पर भी स्वस्थ होते हैं।

घर में रंगोली बनाकर किया जा रहा जागरूकः 

सेविका रंजना कुमारी ने बताया कि एक अगस्त से ही इस अभियान में लगी हुई हैं। लोगों के घर जाकर रंगोली बनाकर उन्हें स्तनपान के फायदे गिना रही हूं। रंगोली में स्तनपान ममता का अभियान तो मां का दूध अमृत है ये दो बूंद जैसे स्लोगन लिखकर महिलाओं को इसके फायदे बता रही हूं। मैंने अपने क्षेत्र के ज्यादातर घरों में जा चुकी हूं और लगभग सभी लोगों को इसके फायदे बताया  है। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों ने भी स्तनपान के महत्व को समझा और नवजात को एक घंटे के अंदर से स्तनपान कराने की बात पर हामी भरी।

छह माह पूरा होने के बाद ऊपरी आहार देः

 रंजना कुमारी ने बताया कि जागरूकता अभियान के दौरान यह भी बता रही हूं कि बच्चे जब छह माह का हो जाए तो उसे ऊपरी आहार देना शुरू कर दें। पूरक आहार के तौर पर खिचड़ी या फिर खीर जैसे हल्के आहार का सेवन कराएं। साथ ही दो वर्ष तक बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं। ऐसा करना बच्चे के लिए बहुत ही फायदेमंद रहता है। उसका स्वास्थ्य भविष्य में बेहतर रहता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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