कालाजार उन्मूलन: अलौली में छिड़काव का केयर इंडिया की टीम ने लिया जायजा

 


- घर-घर जाकर छिड़काव की गुणवत्ता का लिया जायजा और कालाजार से बचाव के लिए लोगों को किया जागरूक 

- कालाजार के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की भी दी जानकारी 


खगड़िया-


 जिले के अलौली प्रखंड व गाँव में कालाजार उन्मूलन को लेकर हुए सघन एसपी पाउडर छिड़काव का  जायजा लेने के लिए केयर इंडिया की टीम संबंधित क्षेत्र पहुँची। जहाँ केयर इंडिया के डीपीओ-भीएल कृष्णा कुमार भारती के नेतृत्व में टीम में केयर इंडिया के प्रखंड समन्वयक नवीन कुमार, संजय कुमार, श्रवण कुमार आदि ने घर-घर जाकर छिड़काव का जायजा लिया। इस दौरान छिड़काव की  गुणवत्ता को देखा एवं इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया। साथ ही संभावित मरीजों की भी  खोज की  गयी । ताकि शुरुआती दौर में मरीजों की पहचान हो सके और संबंधित मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जा सके। वहीं, टीम का नेतृत्व कर रहे डीपीओ-भीएल कृष्णा कुमार भारती ने बताया, इस दौरान विशेष रूप से इस बात की जानकारी ली गई कि किसी कारणवश कोई गाँव, टोला-मोहल्ला तो छिड़काव से वंचित नहीं रह गया। उन्होंने बताया, वंचित क्षेत्र मिलने पर वहाँ जिला मुख्यालय से निर्देश प्राप्त कर पुनः छिड़काव कराया जाएगा।

- मरीजों को आर्थिक सहायता का मिलता है लाभ : 

अलौली पीएचसी प्रभारी डाॅ मनीष कुमार ने बताया, कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दी जाती है। वहीं, चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं।

- कालाजार से बचाव के लिए डीडीटी छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय :

केयर इंडिया के डीपीओ-भीएल कृष्ण कुमार भारती ने बताया, कालाजार से बचाव के लिए एसपी पाउडर छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही इससे बचाव के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को साफ-सफाई समेत रहन-सहन में बदलाव करने की आवश्यकता है। वहीं, उन्होंने बताया, कालाजार मादा बालू मक्खी (सैन्ड फ्लाई) के काटने से फैलता है। एसपी पाउडर के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्णत: खत्म किया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एसपी पाउडर का छिड़काव कराया जा चुका है। जिससे बालू मक्खी को समाप्त किया जा सके। 

- लक्षण दिखते ही कराएं इलाज, सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था : 

केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद ने बताया, लोगों को कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाँच करानी चाहिए और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार उचित व समुचित इलाज कराना चाहिए। सरकारी अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के जमीन (सतह) पर नहीं सोएं। मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें । 

- कालाजार के लक्षण :

- लगातार रूक-रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना। 

- वजन में लगातार कमी होना।

- दुर्बलता।

- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।

- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।

- प्लीहा में नुकसान होता है।


- छिड़काव के दौरान इन बातों का रखें ख्याल : 

- छिड़काव के पूर्व घर की अन्दरूनी दीवार की छेद/दरार बंद कर दें।

- घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर, के अन्दरूनी दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें।

- छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री , बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रख दें।

- ढाई से तीन माह तक दीवारों पर लिपाई-पोताई ना करें, जिसमें कीटनाशक (एस पी) का असर बना रहे।

- अपने क्षेत्र में कीटनाशक (एस पी) छिड़काव की तिथि की जानकारी आशा दीदी से प्राप्त करें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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