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मातृ- शिशु मृत्यु की सही रिपोर्टिंग, कारणों की पड़ताल व कार्रवाई कर रोक सकते हैं मातृ- शिशु की असामयिक मृत्यु : जय कृष्ण
- एमडीएसआर/ सीडीआर पर कार्यशाला का डीएम, सिविल सर्जन ने किया उद्धघाटन
- एक दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल हुए जिला के सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी
मुंगेर, 10 दिसम्बर । मातृ- शिशु मृत्यु की सही रिपोर्टिंग, कारणों की पड़ताल के बाद उचित कार्रवाई कर हम भविष्य में मातृ- शिशु की असामयिक मृत्यु को रोक सकते हैं । इससे हम हेल्थ के इंडिकेटर को अचीव कर सकते हैं। उक्त बातें शुक्रवार को जिला परिषद के सभागार में मैटरनल डेथ सर्विलांस एंड रिस्पांस (एमडीएसआर) और चाइल्ड डेथ रिव्यु (सीडीआर) विषय पर आयोजित कार्यशाला में शामिल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को सम्बोधित करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति पटना के प्रतिनिधि केयर इंडिया के स्टेट रिसोर्स पर्सन जयकृष्ण ने कही। उन्होंने बताया कि राज्य और जिलास्तर पर एमडीएसआर और सीडीआर सही रिपोर्टिंग, तदनुसार समीक्षा और क्रियान्वयन के प्रति जिले के स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को जागरूक करने के उद्देश्य से राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला शुक्रवार को मुंगेर सहित मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलों यथा बेगूसराय, खगड़िया, लखीसराय, जमुई, शेखपुरा में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अभी पूरे राज्य में मैटरनल और चाइल्ड डेथ का आंकड़ा 149 अर्थात तीन डिजिट में है जिसे अगले दो वर्षों में दो डिजिट अर्थात 100 के नीचे लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसके पूर्व कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी नवीन कुमार, सिविल सर्जन डॉ. हरेन्द्र आलोक, डीपीएम नसीम रजि, डीआईओ डॉ. राजेश कुमार रौशन और केयर इंडिया मुंगेर की डीटीओ ऑफ डा नीलू ने सयुंक्त रूप से किया। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम निखिल राज, डीपीसी विकास कुमार, डिस्ट्रिक्ट एम &ई रचना कुमारी, स्वास्थ्य प्रशिक्षक राजीव कुमार, एसएनसीयू के इंचार्ज डॉ. पंकज सागर, डॉ. बिंदु, सदर अस्पताल मुंगेर के अस्पताल प्रबंधक तौसिफ हसनैन, मनोवैज्ञानिक सलाहकार नितिन कुमार के साथ जिला के सभी पीएचसी सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरक सहित कई अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि जयकृष्ण ने बताया कि इस कार्यशाला को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य राज्य और जिलों में होने वाली मातृ और शिशु मृत्यु की समीक्षा करना है । क्योंकि सही रिपोर्टिंग नहीं होने की वजह से मातृ-शिशु मृत्यु के सही कारणों का पता नहीं चल पाता है। ये मृत्य अस्पताल या घर अर्थात फैसिलिटी या कम्युनिटी दोनों जगहों पर हो सकती है। मातृ-शिशु मृत्यु समीक्षा राज्य और जिले में होने वाली अधिकांश मृत्यु को रोकने में कारगर हो सकती है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसकी मदद से मातृ -शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में होने वाली कमियों को जानकर इनके मृत्यु के सही कारणों को पता लगाया जा सकता है। मृत्यु के सही कारणों का पता चलने के बाद पदाधिकारियों को किस स्तर पर हस्तक्षेप करना है इसका निर्णय लेने में मदद मिलेगी और सही समय पर सुधारात्मक कदम उठाने पर संस्थानों के प्रबंधकों को मार्गदर्शन मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने सभी तकनीकी पहलूओं से अधिकारियों को अवगत कराया ताकि मातृ-शिशु मृत्यु को समाप्त किया जा सके।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar