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ऑगनबाड़ी सेविका को सुरक्षित गर्भ समापन और परिवार नियोजन से संबंधित दी गई जानकारी
- तारापुर बाल विकास परियोजना कार्यालय में सुरक्षित गर्भ समापन और परिवार नियोजन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण
- आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन एवं स्थानीय संस्था सेवायतन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजन
मुंगेर, 14 दिसंबर। जिले के तारापुर बाल विकास परियोजना कार्यालय (सीडीपीओ ऑफिस) में आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के सौजन्य से स्थानीय संस्था सेवायतन द्वारा संयुक्त रूप से सुरक्षित गर्भ समापन और परिवार नियोजन से संबंधित विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें प्रखंड के विभिन्न पंचायतों की ऑगनबाड़ी सेविकाओं ने भाग लिया। वहीं, प्रशिक्षण के दौरान अर्पणा कुमारी ने मौजूद सभी सेविकाओं को सुरक्षित गर्भ समापन और परिवार नियोजन से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। जिसमें सुरक्षित गर्भपात और असुरक्षित गर्भपात, माहवारी के वक्त बरती जाने वाली सतर्कता व सावधानी, परिवार नियोजन को अपनाने से होने वाली लाभ आदि की जानकारी दी गई। साथ ही प्रशिक्षण में मौजूद सेविकाओं को अपने माध्यम से अपने-अपने पोषक क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया। बता दें कि आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन बिहार और उतरप्रदेश के 10-10 जिलों में 10-10 स्थानीय संस्था के साथ यौन और प्रजनन अधिकार, परिवार नियोजन एवं सुरक्षित गर्भपात पर कार्य कर रही है।
- 20 सप्ताह तक गर्भपात कराना वैध, पर चिकित्सकों की सलाह लेना जरूरी :
प्रशिक्षक अर्पणा कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सेविकाओं को एमटीपी एक्ट की जानकारी देते हुए बताया, गर्भधारण के बाद 20 सप्ताह तक गर्भपात कराना वैध है। किन्तु, सुरक्षित गर्भपात को बढ़ावा देने एवं कानूनन भी चिकित्सकों का सलाह लेना जरूरी है। इसलिए, ऐसी स्थिति में 12 सप्ताह के अंदर गर्भपात कराने के लिए एक और 12 सप्ताह से ऊपर 20 सप्ताह के अंदर गर्भपात कराने के दौरान दो योग्य चिकित्सकों से सलाह लेना जरूरी है। यह सुरक्षित गर्भपात के लिए भी जरूरी है और कानूनन भी जरूरी है। इससे सुरक्षित गर्भपात के साथ-साथ पीड़ित महिला भी सुरक्षित रहेंगी और कानून का पालन भी सुनिश्चित होगा। इसलिए, ऐसी स्थिति में नियमानुसार ही कदम उठाएं। ताकि किसी प्रकार की कोई अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar