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पारा मेडिकल भवन में एएनएम और जीएनएम को दी गई ट्रेनिंग
-अंतरा और छाया के इस्तेमाल के बारे में दी गई जानकारी
-मास्टर ट्रेनर ने परिवार नियोजन के महत्व के बारे में बताया
बांका, 12 जनवरी
परिवार नियोजन को लेकर बुधवार को पारा मेडिकल भवन में एएनएम और जीएएनएम के दूसरे बैच को ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग के दौरान अंतरा सुई और छाया टैबलेट के बारे में बताया गया। लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक करने में इसका कैसे इस्तेमाल करना है, क्षेत्र में जाकर ये लोग जाकर बताएंगी। अब ये लोग क्षेत्र में जाकर लोगों की काउंसिलिंग कर अंतरा सुई और छाया टैबलेट के इस्तेमाल के बारे में बताएंगी। एएनएम और जीएनएम को ट्रेनिंग मास्टर ट्रेनर कुमारी रश्मि सीमा ने दी। मौके पर जिले में परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी, केयर इंडिया के डीटीएल तौसीफ कमर, एफपीसी कन्हैया कुमार भी मौजूद थे।
एसीएमओ डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि अंतरा एक इंजेक्शन है, जिसका असर तीन महीने तक होता है। इसी तरह छाया टैबलेट का असर एक सप्ताह तक होता है। शुरुआती तीन महीने तक प्रति सप्ताह छाया टैबलेट की दो-दो गोली खानी पड़ती है। लेकिन जब तीन महीना पूरा हो जाता है तो सिर्फ एक-एक गोली प्रति सप्ताह का सेवन किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से लोग अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाते हैं। साथ ही योजना के मुताबिक बच्चा पैदा कर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। ट्रेनिंग में मौजूद एएनएम और जीएनएम इसे अपने क्षेत्र में लागू करेंगी।
परिवार नियोजन को लेकर अस्थायी सामग्री का करें इस्तेमाल: डॉ. चौधरी ने बताया कि अंतरा और छाया के इस्तेमाल से किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। अगर कोई अन्य परेशानी होती भी है तो वह तात्कालिक ही है। वह तुरंत समाप्त हो जाती है। इसलिए अंतरा और छाया के इस्तेमाल करने में किसी भी तरह की हिचक नहीं करनी चाहिए। इन अस्थायी सामग्री का इस्तेमाल कर लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक होना चाहिए और समय पर सीमित बच्चे पैदा कर बेहतर जीवन जीना चाहिए। परिवार नियोजन के साधन अपनाने से न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद होता है, बल्कि आर्थिक तौर पर भी इसका फायदा पहुंचता है।
दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरीः दरअसल, दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतराल जरूरी होता है। साथ ही पहला बच्चा भी 20 साल के बाद ही पैदा करना चाहिए। ऐसा करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे जच्चा और बच्चा, दोनों स्वस्थ रहता है। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहने से न सिर्फ वह बीमारियों से बचाव रहता है, बल्कि कोई बीमारी होने पर भी उससे आसानी से उबर जाता है। इसलिए अंतरा और छाया का सेवन करने से लोग बेफिक्र होकर इन शर्तों को पूरा कर सकते हैं।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar