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25 से भागलपुर जिले में सिंथेटिक पायराथायराइड का होगा छिड़काव
-छिड़कावकर्मियों को सदर अस्पताल, नवगछिया व कहलगांव में दिया गया प्रशिक्षण
-जिले को कालाजार से मुक्त करने को स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध, लगातार चल रहा अभियान
भागलपुर, 21 मार्च-
कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसी सिलसिले में 25 मार्च से जिले में सिंथेटिक पायराथायराइड का छिड़काव किया जाएगा। इसे लेकर सोमवार को सदर अस्पताल, नवगछिया पीएचसी और अनुमंडलीय अस्पताल कहलगांव में छिड़कावकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उन्हें छिड़काव के तरीके बताए गए। घर की पूरी दीवार में छिड़काव का निर्देश दिया गया। साथ ही किवाड़ के पिछले हिस्से में भी छिड़काव करने के लिए कहा गया। छिड़काव के दौरान कोई हिस्सा छूट नहीं जाए, इसका ध्यान रखने के लिए कहा गया।
सदर अस्पताल के मलेरिया कार्यालय में वीबीडीएस श्रीमति अतियातुल मन्नान और केयर इंडिया के आनंद श्रीवास्तव ने तो कहलगांव में केयर इंडिया के डीपीओ मानस नायक और वीडीसीओ रविकांत साह व नवगछिया में वीबीडीएस संजीव कुमार और केयर इंडिया के सुमन कुमार ने प्रशिक्षण देने का काम किया। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. कुंदन भाई पटेल ने बताया कि कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। प्रभावित प्रखंडों में छिड़काव का काम जल्द ही किया जाएगा।
घर के पास जलजमाव नहीं होने दें: डॉ. पटेल ने बताया कि कालाजार उन्मूलन को लेकर दवा का छिड़काव किया जाएगा, लेकिन लोगों को भी बीमारी से बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं होने देना चाहिए। यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी लगाएं, साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनायें व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाएं। कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आसपास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने की अपील की गई।
कालाजार की ऐसे करें पहचान: डॉ. पटेल ने बताया कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है। कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान भी जा सकती है। यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है। यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं। साथ ही मरीज.को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है। यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है। बाल व त्वचा की परत भी सूखकर झड़ते हैं। उन्होंने बताया कि कालाजार के संभावित लक्षण दिखने पर क्षेत्र की आशा से तुरंत संपर्क करना चाहिए और रोगी को किसी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहिए।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar