लखीसराय जिले में मनाया गया परिवार नियोजन दिवस, महिलाओं को किया गया जागरूक 

 
 
- परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं को दी गई परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन की जानकारी 
- सास-बहू सम्मेलन का भी आयोजन -छोटा परिवार और खुशहाल परिवार पर दिया गया बल 
 
लखीसराय, 21 मार्च-
 
सोमवार को जिले में परिवार नियोजन योजना को बढ़ावा देने के लिए परिवार नियोजन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिले के तमाम स्वास्थ्य संस्थानों में शिविर आयोजन किया गया। जिसमें जहाँ गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जाँच की गई वहीं, परिवार नियोजन अभियान को बढ़ावा देने के लिए जागरूक भी किया गया। जिसके दौरान परिवार नियोजन के स्थाई और अस्थाई साधन की विस्तृत जानकारी दी गई और इस साधन को अपनाने से होने वाले फायदे की भी महिलाओं को जानकारी दी गई। ताकि अधिकाधिक योग्य महिलाएं इस साधन को सुविधाजनक तरीके से अपना सकें और अभियान का उद्देश्य फलीभूत हो सके। मालूम हो कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार हर माह 21 तारीख को स्वास्थ्य संस्थानों में इस तरह का कार्यक्रम कर महिलाओं को जागरूक किया जाना है। 
 
- गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने के लिए परिवार नियोजन साधन को अपनाना बेहद जरूरी : 
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र चौधरी ने बताया, समाज के हर तबके के सभी परिवार को गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जीने के लिए परिवार नियोजन के साधन को अपनाना बेहद जरूरी है। क्योंकि, हम तभी गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जी सकते हैं और बच्चे को उचित परवरिश व अच्छी शिक्षा दे सकते जब हमारा परिवार छोटा और सीमित होगा। छोटा और सीमित परिवार के लिए परिवार नियोजन के साधन को अपनाना सबसे पहली नींव है। वहीं, उन्होंने बताया, परिवार नियोजन दिवस के अवसर पर आयोजित शिविर के दौरान योग्य और सक्षम इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन साधन को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। 
 
- सास-बहू सम्मेलन का भी आयोजन कर किया गया जागरूक : 
परिवार नियोजन दिवस के अवसर पर जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्रों पर सास-बहू सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। जिसमें सास-बहू को एकसाथ परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया गया। जिसके दौरान बताया गया कि बच्चे की शादी सही उम्र पर ही करें। शादी के कम से कम दो साल बाद ही पहला बच्चा हो और दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतर हो। इससे ना सिर्फ जनसंख्या स्थिरीकरण सफल होगा, बल्कि माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ भी रहेंगे। स्वस्थ माँ से ही मजबूत बच्चा संभव है और तभी हम स्वस्थ और गुणवत्तापूर्ण जिंदगी जी सकते हैं। 
 
- परिवार नियोजन के लिए सास-बहू का आपसी सामंजस्य महत्वपूर्ण : 
सामाजिक व्यवस्थाओं में परिवार का बड़ा महत्व है। खासकर घर की सबसे बड़ी व बुजुर्ग महिला की। शायद, यही वजह होगा कि बहू का निर्णय कहीं ना कहीं सास के विचार धाराओं से प्रभावित रहता है। इसलिए, सास और बहू के आपसी सामंजस्य से परिवार नियोजन कार्यक्रम सफल होगा और जनसंख्या स्थिरीकरण को बल मिलेगा। यही कारण है कि सरकार द्वारा सास-बहू सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहें हैं। क्योंकि, इसके लिए दोनों (सास-बहू) का सामंजस्य महत्वपूर्ण है। जिसके कारण एक मंच पर दोनों को एक साथ लाकर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही बेहतर सामंजस्य वाले सास-बहू को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कृत भी किया जाता है। 
 
- छोटा परिवार, खुशहाल परिवार का दिया गया संदेश :
सास-बहू सम्मेलन कार्यक्रम के माध्यम से खासकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को छोटा परिवार, खुशहाल परिवार का संदेश दिया गया। दरअसल, आज भी देखा जा रहा है कि लोग परिवार नियोजन को उचित नहीं मानते हैं। खासकर पुराने ख्यालात के लोग तो इसे किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं मानते हैं। जो कि महज एक अवधारणा है और यह अवधारणा वर्षों से चली आ रही है। उक्त कार्यक्रम से ना सिर्फ लोग परिवार नियोजन के लिए जागरूक होंगे, बल्कि वर्षों से चली आ रही है बेटे-बेटियों में फर्क का अवधारणा भी दूर होगा। इसके लिए बच्चे दो ही अच्छे स्लोगन के माध्यम से सास-बहू को जागरूक किया गया और छोटे परिवार के महत्व की जानकारी दी गई।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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