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दूषित पानी पीने और संक्रमित भोजन करने से होता है टायफाइड
- गंदे परिवेश में अधिक होती है टायफायड रोग के फैलने की संभावना
- अधिक दिनों तक लगातार बुखार रहने पर करायें रक्त की जांच
- कई बार टायफाइड का होना लिवर के लिए है खतरनाक
- भोजन से पहले व शौच के बाद अनिवार्य रूप से हाथों को साबून से करें साफ
- गर्मी व बरसात के मौसम में रखें विशेष ध्यान
मुंगेर, 04 मई। साफ ,स्वच्छ पेयजल और भोजन मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसके विपरीत प्रदूषित पानी व भोजन के सेवन से कई प्रकार की पेट संबंधी बीमारियां होती हैं। इनमें एक बीमारी टायफाइड भी है जो दूषित पानी व संक्रमित भोजन के सेवन से होता है। गर्मी तथा बरसात के मौसम में पानी तथा भोजन का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ऐसे मौसम में टायफाइड यानि मियादी बुखार के मरीज अधिक मिलते हैं। टायफाइड सालमोनेला टाइपी नामक बैक्टीरिया से फैलने वाला एक गंभीर रोग है। यह बैक्टीरिया दूषित पानी एवं संक्रमित भोज्य पदार्थ में पनपते हैं। गंदे परिवेश वाली जगहों पर टायफाइड फैलने की संभावना अधिक होती है ।
पाचन तंत्र को प्रभावित करता है टायफाइड :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. राजेश कुमार रौशन ने बताया दूषित पानी व संक्रमित भोजन के सेवन से व्यक्ति मियादी बुखार से ग्रसित हो जाता है। टायफाइड के कारण लीवर में सूजन हो जाती है। ऐसे में साफ पानी और भोजन का ध्यान रखना जरूरी है। सब्जियों का सही से नहीं धोना, शौचालय का इस्तेमाल नहीं होना और खुले में मलमूत्र त्याग करना, खाने से पहले हाथों को नहीं धोना, आदि कई कारणों से टायफाइड हो सकता है।
उन्होंने बताया कि टायफाइड होने पर तेज बुखार के साथ दस्त व उल्टी होना, बदन दर्द रहना, कमजोरी और भूख नहीं लगना प्रमुख लक्षण है। इसके साथ ही पेट, सिर और मांसपेशियों में भी दर्द रहता है। टायफाइड पाचन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। खून की जांच कर इसका पता लगाया जाता है। बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं में बुखार के लंबे समय तक रहने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श प्राप्त करना चाहिए। टायफाइड होने पर मरीज को पूरी तरह आराम करना चाहिए। उन्हें ऐसे भोजन दिये जाने चाहिए जो आसानी से पचाया जा सके । पीने के लिए उबाले हुए पानी को ठंडा कर दें। रोगी को मांस मछली का सेवन नहीं करने दें। अधिक से अधिक तरल पदार्थ लेना बेहतर है। भोजन में हरी सब्जियां, दूध और पाचन तंत्र को बेहतर बनाये रखने वाले भोजन लें। ताजे मौसमी फल का सेवन करे।
टायफाइड रोगी इन चीजों से रहें दूर :
उन्होंने बताया कि चाय कॉफी तथा अन्य कैफिन युक्त पदार्थ, रिफाइंड तथा प्रोसेस्ड फूड और अधिक तेल मसाले वाले भोजन से दूरी बनायें। इसके अलावा घी, तेल, गरम मसाला व अचार तथा गर्म तासीर वाले भोजन से परहेज करें। सही तरीके से इलाज नहीं होने और अधिक समय तक टायफाइड रहने से व्यक्ति काफी कमजोर हो जाता है। बार - बार टायफाइड का होना गंभीर है।
इन बातों का ध्यान रखना जरूरी :
- दूषित पानी, संक्रमित और बासी भोजन का सेवन नहीं करें ।
- ठेले पर बिकने वाले खाद्य तथा पेय पदार्थ का सेवन नहीं करें ।
- फल व सब्जी को साफ पानी से धोयें ।
- बाजार में बिकने वाले बर्फ का इस्तेमाल नहीं करें ।
- खाना खाने से पहले और शौच के बाद हाथों को अच्छी तरह धोयें ।
- दो दिन से अधिक बुखार रहने पर डॉक्टरी परामर्श लें ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar