तीन दिन में कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर कराएं उपलब्ध : जिलाधिकारी

 
 
- आईसीडीएस की मासिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान मौजूद सीडीपीओ और एलएस को दिए निर्देश 
- समाहरणालय परिसर स्थित मंत्रणा कक्ष में बैठक का  आयोजन, कुपोषण मुक्त समाज निर्माण पर दिया गया बल 
 
लखीसराय, 17 मई-
 
मंगलवार को समाहरणालय परिसर स्थित मंत्रणा कक्ष में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आईसीडीएस की एक मासिक समीक्षात्मक बैठक हुई। जिसमें आईसीडीएस डीपीओ समेत जिले के सभी सीडीपीओ, एल एस (महिला सुपरवाइजर) के अलावा केयर इंडिया और महिला हेल्पलाइन के पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में चयन की पारदर्शिता , आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता, प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना समेत सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही आईसीडीएस से संबंधित तमाम योजनाओं की बारीकी के साथ समीक्षा की गई। जिसके बाद लाभार्थियों को पूरी पारदर्शिता के साथ सुलभ तरीके से लाभ मिले, इस पर विस्तृत चर्चा की गई । साथ ही कुपोषण मुक्त समाज निर्माण पर भी बल दिया गया। जिसपर चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने मौजूद सभी एल एस को तीन दिन में अपने-अपने पोषक क्षेत्र के सभी कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर आईसीडीएस एवं जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही मौजूद सभी सीडीपीओ को इसे सुनिश्चित कराने को कहा। वहीं, जिलाधिकारी ने कहा आवश्यकतानुसार कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों को जिले में संचालित एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) में भर्ती कराएं। साथ ही सरकार द्वारा ऐसे बच्चों के लिए चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित भी कराएं। ताकि पीड़ित बच्चे को बेहतर सुविधा मिल सके और कुपोषण मुक्त समाज निर्माण हो सके। दरअसल, पूरे देश में कुपोषण गंभीर समस्या है। इसलिए, इसे खत्म कर सुपोषित समाज निर्माण के लिए हर जिम्मेदारों को जरूरी पहल करने की जरूरत है। इस मौके पर आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि चौधरी, केयर इंडिया के डीटीएल नावेद उर रहमान, डीटीओ-ऑन राकेश कुमार साहु आदि मौजूद थे। 
 
- सभी कुपोषित बच्चों को चिह्नित कर बनाई जाएगी सूची : 
आईसीडीएस की डीपीओ रश्मि चौधरी ने बताया, आयोजित मासिक समीक्षात्मक बैठक के दौरान जिलाधिकारी के द्वारा तीन दिन में सभी कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की सूची तैयार कर  विभाग समेत जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जिसे हर हाल में पूरा कर निर्धारित समयावधि के अंदर उपलब्ध करा दी जाएगी। इसे सुनिश्चित करने को लेकर जिले की सभी सीडीपीओ को जरूरी निर्देश दिए गए हैं एवं एक-एक बच्चे को चिह्नित कर सूची तैयार कराने को कहा गया है। वहीं, उन्होंने बताया, आवश्यकतानुसार बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया जाएगा। 
 
- कुपोषित बच्चों के लिए संजीवनी है पोषण पुनर्वास केंद्र : 
केयर इंडिया के डीटीएल नावेद उर रहमान ने बताया, राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में भी बच्चों में पोषण की कमी से निपटने के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है, जो कुपोषण की समस्या से पीड़ित बच्चों के बीच संजीवनी साबित हो रही है। वहीं, उन्होंने बताया, कुपोषण की समस्या से जूझ रहे बच्चों को 14 दिनों के लिए पोषण पुनर्वास केंद्र में रखा जाता है। जहाँ कुपोषित बच्चों को डाक्टर की सलाह के अनुसार ही उनका खानपान का विशेष ख्याल रखा जाता है। यहां रखे गए बच्चे यदि 14 दिनों के अंदर कुपोषण से मुक्त नहीं हो पाते हैं तो वैसे बच्चों को एक माह तक विशेष रूप से देखभाल की जाती है। पोषण पुनर्वास  केंद्र में मिलने वाली सभी सुविधाएं नि:शुल्क होती हैं। यहां भर्ती हुए बच्चों के वजन में न्यूनतम 15 प्रतिशत की वृद्धि के बाद ही उसे यहां से डिस्चार्ज किया जाता है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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