सही जानकारी और सतर्कता ही डेंगू से बचाव का सबसे बेहतर और कारगर उपाय

- साफ-सफाई के प्रति रहें सतर्क, डेंगू होने का खतरा होगा कम 

- सही प्रबंधन के अभाव में डेंगू हो सकता है जानलेवा, बुखार होने पर चिकित्सकीय सलाह है जरूरी  


लखीसराय-


 मच्छर जनित रोगों में डेंगू अति गंभीर रोगों की श्रेणी में आता है। वर्तमान में स्थानीय जिला समेत पूरे प्रदेश में डेंगू का दौर चल रहा है। जिसके कारण इस बीमारी से बचाव के लिए  लोगों को सर्तक और सावधान रहने की जरूरत है। क्योंकि, इस बीमारी से बचाव के लिए सही जानकारी के साथ-साथ सतर्कता  और सावधानी ही सबसे बेहतर और कारगर उपाय है। इसलिए, सभी लोग इस बीमारी से सतर्क और सावधान रहें एवं बचाव से संबंधित उपाय का निश्चित रूप से पालन करें। 


- डेंगू से बचाव के लिए सही जानकारी जरूरी : 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने बताया, आमलोगों के बीच डेंगू से बचाव के लिए सही जानकारी नहीं होने के कारण उनके लिए डेंगू शब्द ही खौफ का मुद्दा है। यदि इसके विषय में आम लोगों को पूरी जानकारी दी जाए तो लोगों के मन से डेंगू का भय खत्म हो सकता है। वहीं, उन्होंने बताया, एडीज नामक मच्छर के काटने से डेंगू बुखार होता है। यह मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है, जो अधिकांश दिन में ही काटता है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। 3 से 7 दिन तक लगातार बुखार, तेज सर में दर्द, पैरों के जोड़ों मे तेज दर्द, आँख के पीछे तेज दर्द, चक्कर एवं उल्टी, शरीर पर लाल धब्बे आना एवं कुछ मामलों में आंतरिक एवं बाह्य रक्तस्राव  होना डेंगू के लक्षण  में शामिल है। कुशल प्रबंधन एवं चिकित्सकों की निगरानी से डेंगू को जानलेवा होने से बचाया जा सकता  है। इसलिए, जरूरी है कि डेंगू के लक्षण  दिखाई देने पर चिकित्सकीय सलाह ली जाए। डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर बिना चिकित्सकीय सलाह के बुखार की दवा खाना खतरनाक हो सकता है। 

 

केवल 1 प्रतिशत डेंगू ही जान लेवा : डेंगू मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। साधारण डेंगू, डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम। , ज्यादातर लोगों को साधारण डेंगू ही होता है, जो कुछ परहेज करने से ठीक हो जाता है। डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम गंभीर श्रेणी में  आते हैं। यदि इनका शीघ्र  इलाज शुरू नहीं किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है। डेंगू हैमरेजिक बुखार एवं डेंगू शॉक सिंड्रोम में मरीजों के उपचार के लिए रक्तचाप एवं शरीर में खून के स्राव  का निरीक्षण करना जरूरी होता है। राष्ट्रीय वेक्टर बोर्न रोग नियंत्रण विभाग के अनुसार 1 प्रतिशत डेंगू ही जानलेवा है, लेकिन बेहतर प्रबंधन के  अभाव में डेंगू 50 प्रतिशत तक खतरनाक हो सकता है। 


- ऐसे करें डेंगू से बचाव : 

- आस-पास साफ़-सफाई रखें एवं घर में पानी जमा होने ना दें

- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें

- बच्चों को फुल आस्तीन की कमीज एवं फुल पैंट पहनाएं 

- वाटर कूलर या नल के पास पानी जमा नहीं होने दें।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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