सीएचओ करेंगे टीबी मरीजों की पहचान, संक्रमित मरीजों को उपलब्ध करायी जाएगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा



- अच्छी पहल • जिले के सभी सीएचओ को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार हाॅल में दिया गया प्रशिक्षण 

- मरीजों की पहचान करने और टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने की दी गई विस्तृत जानकारी 


खगड़िया-


 टीबी मुक्त भारत निर्माण को लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है।   हर जरूरी पहल भी की जा रही है। अब टीबी मरीजों की पहचान और खोज की जिम्मेदारी जिले में कार्यरत सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी) को दी जाएगी और चिह्नित  संक्रमित मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की इस अच्छी और नई पहल को सार्थकता का रूप देने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय परिसर स्थित सभागार हाॅल में गुरुवार को जिले के सभी सीएचओ को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें मौजूद सभी सीएचओ को मरीजों की पहचान करने, जाँच और इलाज के लिए प्रेरित करने, सामुदायिक स्तर पर टीबी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने समेत अन्य कई जानकारियाँ विस्तार पूर्वक दी गई। इस मौके पर सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा, केयर इंडिया के डीटीएल अभिनंदन आनंद समेत अन्य पदाधिकारी और कर्मी मौजूद थे। 


- एक-एक मरीजों की पहचान कर जाँच और इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर दिया गया बल : 

सिविल सर्जन डाॅ अमरनाथ झा ने बताया, प्रशिक्षण के दौरान मौजूद सीएचओ को टीबी के कारण, लक्षण, बचाव एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र के मरीजों को जाँच एवं इलाज कराने के लिए प्रेरित करने पर भी बल दिया गया। ताकि मरीजों को समय पर बीमारी का पता लग सके और शुरुआती दौर में ही इलाज भी शुरू हो सके। इससे ना केवल आसानी के साथ मरीज स्वस्थ होंगे, बल्कि अन्य लोग भी संक्रमण के दायरे में नहीं आएंगे। वहीं, उन्होंने बताया, जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी समेत अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में टीबी की जाँच के लिए सरकार द्वारा मुफ्त जाँच की सुविधा बहाल की गई है । जहाँ कोई भी लक्षण वाले  व्यक्ति निःशुल्क जाँच करा सकते हैं। जाँच के साथ निःशुल्क दवाई भी दी जाती , जो जाँच सेंटर पर ही उपलब्ध है। इतना ही नहीं, इसके अलावा मरीजों को उचित खान-पान के लिए आर्थिक सहायता राशि भी दी जाती है। वहीं, उन्होंने बताया कि टीबी उन्मूलन को सफल बनाने के लिए टीबी रोगी खोज अभियान के तहत भी मरीजों को चिह्नित  कर उन्हें सरकारी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ताकि शत-प्रतिशत मरीजों को सरकार की सुविधा का लाभ मिल सके । वहीं, उन्होंने बताया, आवश्यकतानुसार मरीजों को  सक्षम अस्पताल रेफर भी किया जाता है। 


- टीबी लाइलाज नहीं, पर समय पर जाँच के साथ इलाज शुरू कराना जरूरी : 

टीबी लाइलाज नहीं है। किन्तु, समय पर जाँच और जाँच के पश्चात चिकित्सकों के सलाहानुसार इलाज शुरू कराना जरूरी है। क्योंकि, शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू कराने  से इस बीमारी को आसानी के साथ मात दी सकती है और अनावश्यक परेशानियों  का भी सामना नहीं पड़ेगा। इसके लिए सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर समुचित जाँच और इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है । इसलिए, लक्षण महसूस होने पर तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जाँच कराएं और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श के अनुसार अपना इलाज भी शुरू कराएं। 


- टीबी मुक्त भारत निर्माण के लिए सामुदायिक स्तर पर हर व्यक्ति का  सहयोग जरूरी : 

सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक पूर्ण रूप से टीबी मुक्त भारत निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसे सार्थक रूप देने के लिए सामुदायिक स्तर पर प्रत्येक व्यक्ति का  सहयोग जरूरी है। इसलिए, इस बीमारी को जड़ से मिटाने के लिए ना केवल खुद जागरूक होने की जरुरत हैबल्कि, पूरे समुदाय को भी जागरूक करने की जरूरत है। इसलिए, ना सिर्फ खुद बल्कि आपको अन्य कोई भी टीबी लक्षण वाले लोग दिखे तो उन्हें तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य जाँच और इलाज कराने के प्रेरित करें। साथ ही आवश्यकतानुसार अपने स्तर से जाँच व इलाज कराने में सहयोग भी करें। आपकी यही पहल टीबी मुक्त भारत निर्माण और राष्ट्रहित में सबसे बेहतर और सराहनीय कदम होगा। 


 - ये हैं टीबी बीमारी के  प्रारंभिक लक्षण :- 

- 15 दिन या इससे अधिक दिनों तक लगातार खांसी या बुखार रहना। 

- बलगम में खून आना। 

- एक माह या इससे अधिक दिनों तक सीने में दर्द रहना। 

- लगातार शरीर वजन कम होना एवं कमजोरी महसूस होना।

रिपोर्टर

  • Aishwarya Sinha
    Aishwarya Sinha

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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