आरोग्य दिवस पर गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच से जिलाभर में सुरक्षित मातृत्व को मिल रही गति



- गर्भवती महिलाओं को चिकित्सीय सलाह के अनुसार लेनी चाहिए आयरन व कैल्सियम की दवा 

- गर्भवती महिलाओं को प्रोटिनयुक्त आहार का सेवन जरूर करना चाहिए 


मुंगेर, 21 नवम्बर।  जिला भर में सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से सुदृढ़ है। अब जरूरत है गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों के जागरूक होने की। इसके लिए लोगों को समझना होगा कि सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव पूर्व प्रबंधन बहुत जरूरी है। इसमें जांच से लेकर सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं। सदर अस्पताल के साथ- साथ अनुमंडल और पीएचसी स्तर के सरकारी अस्पतालों में भी वैसी ही तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं ।  आरोग्य दिवस के दिन बुधवार और शुक्रवार को आंगनबाड़ी केंद्र में भी गर्भवती माता की जांच की जा रही है।  जिससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिले। यहां पर प्रसव पूर्व जांच से लेकर प्रसव कराने तक की बेहतर व्यवस्था है। सुरक्षित मातृत्व के लिए एएनसी जांच कराना अत्यंत आवश्यक है। एएनसी जांच का मकसद मातृ- शिशु मृत्यु दर में कमी लाना होता है। हालांकि, एएनसी जांच के लिए प्रत्येक माह  की 9वीं व 21 वीं  तिथि को शिविर लगाया जाता है। लेकिन, सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाएं एएनसी जांच के लिए कभी भी चिकित्सकों से संपर्क कर सकती हैं।


गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक पहली जांच जरूरी : 

एसीएमओ डॉ. आनंद शंकर शरण सिंह ने बताया कि सुरक्षित मातृत्व को लेकर सदर अस्पताल में बेहतर व्यवस्था उपलब्ध है। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व चार जांच होती है। पहली जांच गर्भधारण से लेकर 12वें सप्ताह तक, दूसरी जांच गर्भधारण के 14 वें से लेकर 26वें सप्ताह तक, तीसरी जांच गर्भधारण के 28वें से 34वें सप्ताह तक और आखिरी जांच 36वें सप्ताह से लेकर प्रसव होने के पहले तक कराई जाती है। इसे एएनसी जांच कहते हैं। इस जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को जो भी सलाह दी जाती  उस पर अमल करने की जरूरत है। इससे सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा मिलता है । इसके अलावा महिलाओं को अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान रखना होगा ताकि वो एनीमिया की चपेट में आने से बचें । इसके लिए गर्भवती महिलाओं को आयरन और कैल्सियम की दवा भी चिकित्सीय सलाह के अनुसार लेनी चाहिए। एएनसी जांच के दौरान आयरन और कैल्सियम की गोली कब लेनी है, इसकी सलाह डॉक्टर से अवश्य ले लें। डॉक्टर जैसी सलाह दें, उसका पालन करें।


प्रसव को लेकर आवश्यक तैयारी जरूरी : 

उन्होंने बताया कि प्रसव का समय नजदीक आए तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे कि सबसे पहले एम्बुलेंस या फिर किसी गाड़ी वाले का नंबर को पास में रखें। अगर दर्द शुरू हो तो तुरंत गाड़ी वाले को फोन कर बुलाएं। इसके अलावा दो- तीन ऐसे लोगों को तैयार रखें, जो कि जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर सकें। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को प्रोटीनयुक्त आहार का जरूर सेवन करना चाहिए। दूध, अंडा, मछली, मांस के साथ हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को एक साथ दो जान की परवाह करनी पड़ती है। पौष्टिक और प्रोटीनयुक्त आहार लेने से दोनों का ध्यान रखा जाता है। जो गर्भवती महिलाएं मांसाहार का सेवन नहीं करती हैं, उन्हें दूध, हरी सब्जियों और फल के सेवन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।


परिवार नियोजन सुविधाओं के लाभार्थियों को दी जाती है प्रोत्साहन राशि : 

जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नसीम रजी ने बताया कि सभी एएनएम् एवं आशा को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन की  सभी सुविधाओं का लाभ उठाने वाले लाभार्थियों को सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि की भी जानकारी प्रदान की  गयी  है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में पुरुष नसबंदी का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/- रूपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है । महिला बंध्याकरण के लिए लाभार्थी को ₹2000/- व उत्प्रेरक को ₹300/-, प्रसव उपरांत बंध्याकरण पर लाभार्थी को ₹3000/- व उत्प्रेरक को ₹400/-, प्रसव उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भपात उपरांत कॉपर-टी लगाने पर लाभार्थी को ₹300/- व उत्प्रेरक को ₹150/-, गर्भनिरोधक सूई (अंतरा) का लाभ उठाने पर लाभार्थी को ₹100/- व उत्प्रेरक को ₹100/- की सहायता राशि प्रदान की जाती है।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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