गोराडीह के कोडा रेंडम साइट पर नाइट ब्लड सर्वे का शुभारंभ


फाइलेरिया की खोज के लिए जिले के सभी प्रखंड में नाइट ब्लड सर्वे किया जा रहा

हर प्रखंड में बनाए गए दो-दो साइट, एक साइट पर कुल 300 लोगों की होगी जांच

भागलपुर, 21 नवंबर

जिले में फाइलेरिया के मरीजों की खोज के लिए नाइट ब्लड सर्वे का काम सोमवार 21 नवंबर से शुरू हो गया। गोराडीह प्रखंड के कोडा गांव में डीएमओ डॉ. दीनानाथ ने नाइट ब्लड सर्वे का शुभांरभ किया। इस मौके पर डॉ. प्रशांत कुमार, वीडीसीओ रविकांत कुमार, केयर इंडिया के डीटीएल डॉ. निनकुश अग्रवाल, डीपीओ मानस नायक समेत कई लोग मौजूद थे। उद्घाटन के बाद डॉ. दीनानाथ ने कहा कि नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत हो गई है। इस काम में स्वास्थ्यकर्मियों के साथ-साथ केयर इंडिया, पीसीआई, जीविका व अन्य संगठन भी सहयोग कर रहे हैं। जिले के सभी प्रखंड में दो-दो साइट बनाए गए हैं। एक सेंटिनल तो दूसरा रेंडम साइट। एक साइट पर नाइट ब्लड सर्वे के तहत 300 लोगों की जांच की जाएगी। नाइट ब्लड सर्वे शाम साढ़े आठ बजे शुरू होगा, जो कि रात के 12 बजे तक चलेगा। इस दौरान 20 साल से अधिक उम्र के लोगों के सैंपल लेकर जांच की जाएगी। इस काम स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सहयोग कर रहे हैं। 

फाइलेरिया के परजीवी रात में ही होते हैं सक्रियः डीएमओ डॉ. दीनानाथ ने बताया कि नाइट ब्लड सर्वे के तहत फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर वहां रात में लोगों के रक्त के नमूने लिये जाते हैं। इसे प्रयोगशाला भेजा जाता है और रक्त में फाइलेरिया के परजीवी की मौजूदगी का पता लगाया जाता है। फाइलेरिया का परजीवी रात में ही सक्रिय होते हैं, इसलिए नाइट ब्लड सर्वे से सही रिपोर्ट पता चल पाता है। इससे फाइलेरिया के संभावित मरीज का समुचित इलाज किया जाता है। 

नियमित और उचित देखभाल जरूरीः डॉ. दीनानाथ ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। यह नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज की श्रेणी में आता है। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इसकी नियमित व उचित देखभाल कर जटिलताओं से बचा जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव के लिए समय-समय पर सरकार द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें आशा घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाती हैं।

जिले के इन प्रखंडों के इस-इस गांवों में बनाए गए हैं साइट: बिहपुर प्रखंड के मिल्की गांव में सेंटिनेल साइट तो गौरीपुर में रेंडम साइट, गोपालपुर प्रखंड के गोसाईंगांव में सेंटिनेल साइट तो अभिया में रेंडम साइट, गोराडीह प्रखंड के नदियामा गांव में सेंटिनेल साइट तो कोडा में रेंडम साइट, इस्माइलपुर प्रखंड के नेवादास टोला में सेंटिनेल साइट तो छोटी परबत्ता में रेंडम साइट, जगदीशपुर प्रखंड के फुलवरिया गांव में सेंटिनेल साइट तो अंबे में रेंडम साइट, कहलगांव प्रखंड के एकचारी गांव में सेंटिनेल साइट तो जगन्नाथपुर में रेंडम साइट, खरीक प्रखंड के तुलसीपुर में सेंटिनेल साइट तो मीरजाफरी में रेंडम साइट, नारायणपुर प्रखंड के मधुरापुर में सेंटिनेल साइट तो चकरामी में रेंडम साइट, नाथनगर प्रखंड के विशनरामपुर में सेंटिनेल साइट तो करेला में रेंडम साइट, नवगछिया प्रखंड के पकरा में सेंटिनेल साइट तो तेतरी में रेंडम साइट, पीरपैंती प्रखंड के ओलापुर में सेंटिनेल साइट तो अम्मापाली में रेंडम साइट, रंगरा चौक प्रखंड के तीनटंगा दक्षिण में सेंटिनेल साइट तो मदरौनी में रेंडम साइट, सबौर प्रखंड के ममलखा में सेंटिनेल साइट तो बाबूपुर में रेंडम साइट, शाहकुंड प्रखंड के अमखोरिया में सेंटिनेल साइट तो राधानगर में रेंडम साइट, सन्हौला प्रखंड के बेलसर में सेंटिनेल साइट तो पोठिया में रेंडम साइट, सुल्तानगंज के धांधी बेलारी में सेंटिनेल साइट तो अकबरनगर में रेंडम साइट और शहरी क्षेत्र के साहेबगंज में सेंटिनेल साइट तो बरारी में रेंडम साइट बनाए गए हैं।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

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