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सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर लोगों का बढ़ा विश्वास तो जिले में संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने में हुई बढ़ोत्तरी
-- मजबूत और सुदृढ़ स्वास्थ्य सुविधाओं की बदौलत सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर लोगों का बढ़ा विश्वास और संस्थागत प्रसव में हुई वृद्धि
- एनएफएचएस - 5 की रिपोर्ट के मुताबिक 75.8 % हुआ संस्थागत प्रसव
लखीसराय, 22 नवंबर-
सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसूती महिलाओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य विभाग काफी सजग होता दिख रहा है। जिसका सकारात्मक परिणाम भी दिखने लगा है। जिले में संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने में बढ़ोत्तरी हुई है । हर तबके के लोग संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आगे आने लगे हैं, जो सामुदायिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव का बड़ा प्रमाण है। एनएफएचएस - 4 की जारी रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 64.1 % संस्थागत प्रसव हुआ। जबकि, एनएफएचएस - 5 की जारी रिपोर्ट के मुताबिक 75.8 % संस्थागत प्रसव हुआ। यानी संस्थागत प्रसव में 11.7 % की वृद्धि हुई, जो मजबूत और सुदृढ़ स्वास्थ्य सुविधाओं की बदौलत संभव हुआ है । लोगों में सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति व्याप्त नाकारात्मकता को मात मिली तथा हर तबके के लोगों का विश्वास बढ़ा।
- सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता और स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से हुई वृद्धि:
सिविल सर्जन डाॅ देवेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया, यह वृद्धि स्वास्थ्य कर्मियों की कड़ी मेहनत और सकारात्मक सहयोग के साथ-साथ सामुदायिक स्तर पर लोगों में जागरूकता का नतीजा है। प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य संस्थान आने वाली सभी प्रसूति महिलाओं को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा सके, इसको लेकर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों का स्वास्थ्य प्रबंधन हमेशा सजग और संकल्पित रहता है । ऑन ड्यूटी कर्मी भी प्रसूति महिलाओं को सुविधाजनक तरीके से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हमेशा दृढ़संकल्पति रहते और प्रसव के दौरान प्रसूति को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो, इसका विशेष ख्याल रखा जाता है। साथ ही प्रसव के उपरांत भी प्रसूति का 24 घंटे तक विशेष ख्याल रखा जाता है। प्रसव के पश्चात जच्चा-बच्चा के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए स्वास्थ्य संबंधित बरती जाने वाली सतर्कता और सावधानी की जानकारी देकर जागरूक किया जाता है।
- गृह भेंट के तहत आशा कार्यकर्ताओं द्वारा संस्थागत प्रसव को लेकर किया जाता है जागरूक :
गर्भधारण के साथ ही संबंधित क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता द्वारा गृह भेंट के तहत संबंधित लाभार्थी का फॉलोअप किया जाता है। जिसके दौरान सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए समय-समय पर जाँच कराने समेत स्वास्थ्य से संबंधित अन्य जानकारियां देकर जागरूक किया जाता है। साथ ही संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने के लिए भी जागरूक किया जाता और प्रसव के दौरान सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की भी जानकारी दी जाती है। ताकि लोगों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी मिल सके और लोग संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए आगे आ सकें ।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar