- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice

धोरैया सीएचसी में एएनएम को गर्भ समापन के बारे में दी गई जानकारी
-एमपीटी एक्ट के बारे में बताया, 2021 में संशोधित कानून की दी गई जानकारी
-गर्भ समापन के दौरान कड़ाई से गोपनीयता का पालन करने के बारे में दी जानकारी
बांका, 27 दिसंबर-
सांझा प्रयास नेटवर्क की ओर से सुरक्षित गर्भ समापन कार्यक्रम के तहत मंगलवार को धोरैया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में 53 एएनएम दीदी को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि विशेष श्रेणी की महिलाओं के गर्भ समापन की अवधि 20 से 24 सप्ताह तक बढ़ा दी गई है । इस संशोधित कानून की जानकारी सेवा भारती सेवापुरी संस्था के रिसर्च एंड ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर रितेश रंजन ने प्रशिक्षण के दौरान दी।
एएनएम को प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार के गर्भ समापन को अवैध माना जाता था। उस समय गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयों का सामना करना होता था। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने की प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु तक हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर में कुछ खास कमी नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया। 2021 में एमटीपी एक्ट में संशोधन किया गया। इससे विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।
विशेष परिस्थिति में अविवाहित महिलाएं भी करा सकती हैं गर्भ समापन: रितेश रंजन ने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है। किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक के गर्भ समापन के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के गर्भ समापन के लिए दो आरएमपी की
राय चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा गर्भ समापन के लिए गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। इस मौके पर हेल्थ मैनेजर एके श्यामला, बीसीएम उद्धव कुमार भी उपस्थित थे।
संबंधित पोस्ट
Independence Day Celebration Marked with Discussion on Patriotism and Nation-Building
- Aug 20, 2025
- 35 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar