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टीबी मरीजों को नियमित दवा सेवन करने की दी गई सलाह
-स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से केएचपीटी के टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की हुई बैठक
-बैठक में टीबी मरीजों को सरकार से मिलने वाली सहायताओं के बारे में दी गई जानकारी
भागलपुर-
चंपानगर में शुक्रवार को टीबी केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक आयोजित की गई। बैठक में 10 टीबी के मरीज, 8 केयरगिवर शामिल रहे। इस दौरान मेडिकल ऑफिसर गौतम कुमार, बीसीएम, एसटीएस कृतिका और एलटी समेत कई लोग मौजूद रहे। बैठक का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट (केएचपीटी) ने किया। बैठक में टीबी मरीजों को दवाई बीच में नहीं छोड़ने की सलाह दी गई। साथ ही इलाज के दौरान शराब या अन्य कोई नशा नहीं करने की सलाह दी गई। इसके अलावा पोषण युक्त भोजन और निक्षय पोषण के तहत मिलने वाली राशि के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ ही टीबी के मरीजों को इलाज के दौरान किसी भी तरह की परेशानी होने पर उससे निपटने की तरीके भी बताए गए।
बीच में दवा छोड़ने पर एमडीआर टीबी होने का खतराः केएचपीटी की डिस्ट्रिक्ट टीम लीडर आरती झा ने बताया कि टीबी की बीमारी में बीच में दवा नहीं छोड़नी चाहिए। जब तक बीमारी ठीक नहीं हो जाए, तब तक दवा का सेवन करते रहना चाहिए। ऐसा करते रहने से टीबी जल्द ठीक हो जाता , लेकिन अगर दवा बीच में छोड़ देते हैं तो एमडीआर टीबी होने का खतरा हो जाता । एमडीआर टीबी हो जाने के बाद बीमारी ठीक होने में समय लग जाता है। इसलिए केयर एंड सपोर्ट ग्रुप की बैठक में लोगों को नियमित तौर पर दवा का सेवन करने की सलाह दी गई। साथ ही पोषण पर भी ध्यान देने की बात कही गई। पोषण के लिए सरकार की तरफ से जब तक दवा चलती , पांच सौ रुपये की राशि भी मिलती है। लोगों को उस पैसे से अपने लिए पौष्टिक आहार लेते रहने की सलाह दी गई।
टीबी के खिलाफ अभियान जारीः आरती झा ने बताया कि टीबी को लेकर अभियान लगातार जारी है। एक तरफ पंचायतों को टीबी मुक्त बनाने का अभियान जारी है तो दूसरी तरफ टीबी केयर एंड संपोर्ट ग्रुप की बैठक भी लगातार की जा रही । इसके अलावा स्कूलों और घनी आबादी वाले क्षेत्र में भी लोगों को टीबी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस काम में जिले के टीबी चैंपियन भी सहयोग कर रहे हैं। टीबी के लक्षण, इलाज और बचाव की जानकारी लोगों की दी जा रही है। साथ ही टीबी की बीमारी को लेकर सरकार जो भी योजनाएं चला रही हैं, उनके बारे में लोगों को बताया जा रहा है। सामुदायिक स्तर पर जागरूकता फैलने के बाद टीबी जैसी बीमारी पर काबू पाने में सहायता मिलेगी। इसी उद्देश्य के साथ यह कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske