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फाइलेरिया उन्मूलन • स्वास्थ्य संस्थानों से समन्वय कर संक्रमित मरीजों को दी गई दवाई
- दवाई के साथ फाइलेरिया से बचाव के लिए दिया गया जरूरी चिकित्सा परामर्श
- परबत्ता सीएचसी में मरीजों के बीच दवाई वितरित
खगड़िया-
फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर लगातार मरीजों की पहचान कर उन्हें दवाई समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। इसी कड़ी में फाइलेरिया उन्मूलन के तहत परबत्ता सीएचसी से मरीजों का समन्वय कर शुक्रवार को दवा दी गई। इस दौरान वहाँ मौजूद छः महिला और एक पुरुष मरीज को दवाई दी गयी और प्रदत्त दवाई के सेवन समेत फाइलेरिया से बचाव, इसके कारण, लक्षण एवं उपचार की विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही लक्षण दिखते ही तुरंत जाँच कराने और जाँच के पश्चात चिकित्सा परामर्श का पालन करने समेत अन्य आवश्यक जानकारी दी गई। ताकि संबंधित मरीज शुरुआती दौर में ही जाँच करा सके और ससमय इलाज शुरू हो सके। इस मौके पर सीएचसी के चिकित्सक डाॅ विनय कुमार, डाॅ सुशील सिंह, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक अमित कुमार, संजय कुमार आदि मौजूद थे।
- दवाई के साथ मरीजों को आवश्यक चिकित्सा परामर्श भी दिया गया :
परबत्ता सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ विनय कुमार ने बताया, मौजूद सभी मरीजों को दवाई के साथ-साथ फाइलेरिया से बचाव से संबंधित आवश्यक जानकारी भी दी गई। जिसमें संक्रमित मरीजों को किन-किन बातों का ख्याल रखते हुए इलाज कराना है। फाइलेरिया से बचाव के लिए क्या-क्या सावधानी बरतनी है। इसके कारण और लक्षण समेत अन्य जरूरी जानकारी दी गई। इसके अलावा प्रदत्त दवाई के उचित सेवन की भी जानकारी दी गई। वहीं, उन्होंने बताया, फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसका कोई पर्याप्त इलाज संभव नहीं है। लेकिन, इसे शुरुआत में ही पहचान करते हुए रोका जा सकता है। इसके लिए संक्रमित व्यक्ति को फाइलेरिया ग्रसित अंगों को पूरी तरह स्वच्छ पानी से साफ करना चाहिए। साथ ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा का नियमित सेवन करना चाहिए। वहीं, उन्होंने कहा, फाइलेरिया मुख्यतः मनुष्य के शरीर के चार अंगों को प्रभावित करता है। जिसमें पैर, हाथ, हाइड्रोसील एवं महिलाओं का स्तन शामिल हैं । हाइड्रोसील के अलावा फाइलेरिया संक्रमित अन्य अंगों को ऑपरेशन द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। संक्रमित व्यक्ति को सामान्य उपचार के लिए किट उपलब्ध कराई जाती है, जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया संक्रमित व्यक्ति को मुफ्त ऑपरेशन की सुविधा मुहैया कराई जाती।
- फाइलेरिया से प्रभावित अंग का विशेष देखभाल और साफ-सफाई जरूरी :
डाॅ सुशील सिंह ने बताया, फाइलेरिया से प्रभावित अंग का विशेष देखभाल और साफ-सफाई का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। फाइलेरिया संक्रमित होने पर व्यक्ति को हर महीने एक-एक सप्ताह तक तेज बुखार, पैरों में दर्द, जलन, के साथ बेचैनी होने लगती है। एक्यूट अटैक के समय मरीज को पैर को साधारण पानी में डुबाकर रखना चाहिए या भीगे हुए धोती या साड़ी को पैर में अच्छी तरह लपेटना चाहिए।
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रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar