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बच्चे को कराएं स्तनपान, बनी रहेगी मुस्कान
-छह माह तक दें केवल माँ का दूध, निमोनिया-डायरिया न आएगा पास
-जन्म के पहले घंटे के भीतर का स्तनपान, बनेगा जीवन का वरदान
लखीसराय-
बच्चे के सम्पूर्ण शारीरिक और मानसिक विकास के लिए माँ का दूध (स्तनपान) बहुत ही जरूरी होता है। माँ के दूध में शिशु के आवश्यकतानुसार पानी होता , इसलिए छह माह तक के बच्चे को ऊपर से पानी देने की भी जरूरत नहीं होती है। बच्चे की मुस्कान बनाए रखने के लिए छह माह तक केवल माँ का दूध पिलाना चाहिए। इसके अलावा स्तनपान बच्चे में भावनात्मक लगाव पैदा करने के साथ ही सुरक्षा का बोध भी कराता है।
शुरुआती स्तनपान जरूरी : अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार भारती ने बताया, माँ के दूध की महत्ता को समझते हुए स्वास्थ्यकर्मियों का भी पूरा ज़ोर रहता है कि लेबर रूम में जन्म के तुरंत बाद बच्चे को माँ की छाती पर रखकर स्तनपान की शुरुआत करायी जाए। नवजात को माँ का पहला दूध मिलने के बाद ही उसे लेबर रूम में शिफ्ट किया जाता है। इसके अलावा माँ को स्तनपान की पोजीशन, बच्चे का स्तन से जुड़ाव और माँ के दूध निकालने की विधि को समझाने में भी नर्स द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है ताकि कोई भी बच्चा अमृत समान माँ के दूध से वंचित न रह जाये। यदि बच्चे को जन्म के पहले घंटे के अंदर माँ का पहला पीला गाढ़ा दूध पिलाया जाये तो ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
6 माह तक केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया से होता है बचाव: डॉ. रूपा ने बताया, बच्चे को छह माह तक लगातार केवल माँ का दूध दिया जाना चाहिए और उसके साथ किसी अन्य पदार्थ जैसे पानी, घुट्टी, शहद, गाय अथवा भैंस का दूध नहीं देना चाहिए, क्योंकि वह बच्चे के सम्पूर्ण मानसिक एवं शारीरिक विकास के लिए सम्पूर्ण आहार के रूप में काम करता है। बच्चे को हर डेढ़ से दो घंटे में भूख लगती है। इसलिए बच्चे को जितना अधिक बार संभव हो सके माँ का दूध पिलाते रहना चाहिए। माँ का शुरुआती दूध थोड़ा कम होता है लेकिन वह बच्चे के लिए पूर्ण होता । अधिकतर महिलाएं यह सोचती हैं कि उनका दूध बच्चे के लिए पूरा नहीं पड़ रहा और वह बाहरी दूध देना शुरू कर देती हैं जो कि एक भ्रांति के सिवाय और कुछ नहीं है। माँ के दूध में भरपूर पानी और पोषक तत्व होते हैं इसलिए बच्चे को बाहर का कुछ भी नहीं देना चाहिए। बाहर की चीज खिलाने से बच्चे में संक्रमण का खतरा बना रहता है। उन्होंने बताया छह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से भी बचाव होता है। साथ ही स्तनपान माँ को स्तन कैंसर से भी बचाता है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar