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जहाँ शाह वहाँ राह: पूर्वोत्तर की समस्याओं का स्थाई समाधान निकालते अमित शाह
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने आज अंतर-राज्यीय सीमा समझौता पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत 123 गाँवों को लेकर चल रहे पुराने सीमा विवाद को आखिरकार खत्म कर दिया गया। उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक समझौता एक बड़ी उपलब्धि है। हमारा मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों को शांतिपूर्ण, विकसित और संघर्ष मुक्त बनाना है। यह समझौता जहाँ पूर्वोत्तर के खोए हुए गौरव को बहाल करेगा, वहीं प्रगति के नए मार्ग प्रशस्त करेगा।’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में पिछले 9 वर्षों में पूर्वोत्तर में सभी समस्याओं का समाधान निकाल कर शांति और विकास के एक नए युग की इबारत लिखी जा रही है। आजादी के बाद 1972 से लेकर आज तक जिस 800 किमी लंबे असम-अरुणाचल सीमा विवाद को किसी भी सरकार ने सुलझाने की कोशिश नहीं की, उस ऐतिहासिक विवाद को निपटाकर अमित शाह ने साबित किया है कि वो वास्तव में भारतीय राजनीति के चाणक्य हैं। आजादी के बाद जिस समस्या का समाधान हो जाना चाहिए था, उसका समाधान आज 75 साल के बाद अमित शाह के दिशा-निर्देश में गृह मंत्रालय कर रहा है।
50 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा करने वाले मोदी जी के विकसित पूर्वोत्तर, शांत पूर्वोत्तर और विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में निरंतर जुटे अमित शाह के मार्गदर्शन में 2019 में एनएलएफटी समझौता, 2020 में ब्रू समझौता, 2021 में बोडो समझौता, 2022 में कार्बी समझौता, आदिवासी शांति समझौता, असम-मेघालय के 67% अंतरराज्यीय सीमा विवाद का समझौता, 2022 में असम-अरुणाचल सीमा विवाद समझौता और आज 2023 में 800 किमी लंबे असम-अरुणाचल सीमा के निपटारे से पूरे पूर्वोत्तर का कायाकल्प हो रहा है। पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों में किया गया यह आठवाँ समझौता है।
आँकड़ों के मुताबिक संकल्प से सिद्धि के 9 सालों में मोदी-शाह की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर में 8000 से ज्यादा युवा हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। पूरे पूर्वोत्तर में हिंसा में लगभग 67% की कमी, सुरक्षा बलों के मृत्यु में 60% की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 83% की कमी आई है। जहाँ असम के 70% क्षेत्र, मणिपुर के 6 जिले के 15 पुलिस स्टेशन और नागालैंड के सात जिलों को अफ्सपा से मुक्त कर दिया गया है, वहीं त्रिपुरा और मेघालय को पूरी तरह से अफ्सपा से मुक्त कर दिया गया है जो साबित करता है कि देश अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है।
मोदी जी के नेतृत्व में नए भारत के निर्माण में जुटे अमित शाह के अथक प्रयासों और कुशल रणनीतियों का नतीजा है कि समग्र पूर्वोत्तर में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और औद्योगिक निवेश सहित सीमा से सटे गाँवों का चौतरफा विकास हो रहा है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar