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संस्थागत प्रसव एवं टीकाकरण के लिए होगी विशेष व्यवस्था
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- May 06, 2020
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जमुई / 6 मई:
कोरोना संक्रमण रोकथाम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में अभी से ही प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सभी जिलों के प्रमंडलीय आयुक्त, जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस संबंध में विस्तार से दिशानिर्देश दिया है. पत्र में बताया गया कि राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभाग गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं. राज्य में हर वर्ष कुछ जिलों में बाढ़ आती है जी महामारी का रूप ले सकती है. इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कि पूर्व में ही प्रभावकारी कदम उठाये जाए ताकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ के कारण उत्पन्न होने वाली कई जल-जनित बिमारियों की रोकथाम की जा सके. साथ ही बाढ़ के कारण संस्थागत प्रसव एवं नियमित टीकाकरण जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित होने से बचाया जा सके.
बाढ़ एवं जल जनित रोगों से निपटने में महामारी रोकथाम समिति करेगी सहयोग:
पत्र में बताया गया कि जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक महामारी रोकथाम समिति गठित है, जिसमें उप विकास आयुक्त,आरक्षी अध्यक्ष, सिविल सर्जन,आपूर्ति विभाग, जिला आपदा प्रबंधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारी शामिल हैं. यह समिति अपने जिले में बाढ़ या जल-जमाव से उत्पन्न होने वाली बीमारियों के संभावित क्षेत्रों का पूर्व के अनुभव के आधार पर चिन्हित करेगी. साथ ही संभावित रोगों की रोकथाम एवं उपचार के लिए कार्य करेगी एवं इसके लिए प्रचार-प्रसार का भी सहारा लेगी.
बाढ़ पूर्व तैयारियों के अभ्यास के निर्देश:
पत्र के माध्यम से प्रधान सचिव संजय कुमार ने बाढ़ से पहले जरुरी तैयारियों के अभ्यास के निर्देश दिए हैं. इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों, गैर सरकारी संगठनों के साथ मोक अभ्यास/ मोक ड्रिल का आयोजन भी नियमित अंतराल पर करने की सलाह दी गयी है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेय जल की आपूर्ति करने के भी निर्देश दिए गए हैं. जिसमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पीने के पानी का शुद्धिकरण, छोटे श्रोतों के लिए क्लोरीन टिकिया एवं बड़े श्रोतों के लिए ब्लीचिंग पाउडर, से किये जाने की बात कही गयी है. जल-जमाव के कारण मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू, चिकनगुनिया एवं मलेरिया जैसे रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए जल-जमाव वाले क्षेत्रों में डीडीटी एवं फोगिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसके लिए जिला मलेरिया पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गयी है.
नवजात एवं गर्भवती माताओं की सेवाएं नहीं होगी बाधित:
पत्र में बताया गया कि बाढ़ के कारण नवजात शिशुओं के लिए टीकाकरण एवं गर्भवती माताओं के लिए संस्थागत प्रसव जैसी अन्य सुविधाएँ बाधित न हो. इसके लिए पूर्व से ही तैयारी करने की जरूरत है. साथ ही गर्भवती माताओं की पूर्व से पहचान की जाए एवं डिलीवरी किट तथा मैटरनिटी हट की व्यवस्था पूर्व में ही कर ली जाए.
इन स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी करने के निर्देश:
• बाढ़ के दौरान डायरिया प्रबंधन
• बाढ़ के कारण सर्पदंश एवं कुत्ते या सियार के काटना इत्यादि के उपचार की सुविधाएँ
• अस्थायी अस्पताल एवं नौका औषधालय की व्यवस्था
• जिला, प्रखंड स्तर पर स्थायी एवं चलंत चिकित्सा दलों का गठन
• बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व से पर्याप्त जरुरी दवाओं की उपलब्धता
• चलंत पैथोलोजिकल दल का गठन करना
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Premier World (Admin)