परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में सबसे कारगर और सुरक्षित है एमपीए सबकुटेनियस का साधन : खुशबू 

 
- जिले में कुल 369 महिलाओं ने अपनाया  एमपीए सबकुटेनियस की सुविधा
- एमपीए सबकुटेनियस का साधन अपनाने के बाद ;लाभार्थी ने साझा किया अपना अनुभव  
 
शेखपुरा-
 
जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग लगातार सजग और गंभीर है। इस मुहिम के तहत परिवार नियोजन के स्थाई साधन को बढ़ावा देने के लिए जहां लगातार हर तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर सामुदायिक स्तर पर जागरूक कर रहा है। साथ ही हर स्तर पर तरह-तरह के निर्णय भी लिए जा रहे हैं। परिवार नियोजन के अस्थाई साधन को सरल, सुरक्षित और कारगर बनाने के हर स्तर पर प्रयास जारी है। इसी कड़ी में परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में शामिल कंडोम, अंतरा और कॉपर -टी के बाद एमपीए सबकुटेनियस की सुविधा की शुरुआत की गई है। जो अस्थाई साधनों में शामिल अन्य सुविधाओं से काफी सरल, सुरक्षित, बेहतर और कारगर है। बरबीघा सदर अस्पताल  में एमपीए सबकुटेनियस का लगवाने के बाद खुशबू कुमारी ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि पहले मैं अंतरा इंजेक्शन लेती थी तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। साथ ही दर्द भी काफी होती थी । पर जब से मैंने एमपीए सबकुटेनियस इंजेक्शन लेना शुरू किया तो मुझे अंतरा इंजेक्शन के मामले में ये काफी आसान लगा। साथ ही एमपीए सबकुटेनियस का मैं दूसरा डोज भी ले चुकी हूँ ।
खुसबू आगे बताती हैं कि मैं अपने जैसे सभी साथी से कहना चाहती हूँ की वो एमपीए सबकुटेनियस का डोज जरुर लगवायें ये काफी आसन एवं सरल  है  ।  
 
- जिला अबतक में कुल 369 महिलाओं ने अपनाया  एम.पी.ए सबकुटेनियस की सुविधा :
 
सदर पीएचसी प्रभारी डॉ .अशोक कुमार सिंह बताते हैं की पूरे जिले में अब तक कुल 369 महिलाएं एमपीए सबकुटेनियस की सुविधा अपना चुकी हैं, जिसमें पहला और दूसरा डोज शामिल है । उन्होंने बताया  कि एमपीए सबकुटेनियस का इंजेक्शन परिवार नियोजन के अस्थाई साधन को अपनाने के लिए काफी कारगर और प्रभावी है। इसे अपनाने किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। डॉ सिंह ने बताया कि एमपीए सबकुटेनियस का इस्तेमाल बहुत ही आसान है यह स्लो रिलीज काम करता है, इसके इस्तेमाल से तीन महीना तक निश्चित रूप से गारंटी के साथ फ्री रहेंगे। इसका डोज भी अंतरा के वनिस्पत कम रहता है।
-एम॰पी॰ए॰ सबकुटेनियस का शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं: मनीष भारद्वाज
पीएसआई इंडिया के जिला प्रबंधक मनीष भारद्वाज ने बताया कि अंतरा के  नये रूप और सरल साधन एमपीए एससी का  शरीर पर  कोई दुष्प्रभाव नहीं  पड़ता। अंतरा इंजेक्शन  महिला की मांसपेशी में दी जाती है। इसको मसल और स्किन के बीच में देनी है।  इसमें दवाई पहले से लोडेड होता है। देने और लाने ले जाने  में आसान है। साथ ही आशा और लाभार्थी की प्रोत्साहन राशि समान रखी गई है। इसे कोई भी महिला जो बच्चों में अंतर रखना चाहती वो इसे अपना सकती है ।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
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