विश्व नर्स दिवस: सेवाभाव के कारण दिलोदिमाग पर हावी नहीं होता थकावट

• एएनएम पूनम व मालती के लिए मरीज की सेवा सबसे पहली प्राथमिकता

• रोगियों के इलाज में चला जाता है रोजाना की जिंदगी का बड़ा हिस्सा 

 

लखीसराय, 11 मई:

 

कोरोना संक्रमण से लड़ाई में डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मियों ने जो अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है वह बहुमूल्य है. इस संकटकाल में जब लोग अस्पतालों में पहुंच रहे हैं तब उनकी सेवा कर उन्हें स्वस्थ्य कर घर भेजने की जिम्मेदारी का निर्वाह वे लोग पूरी तरह से कर रहे हैं. चाहे वो कोरोना संक्रमित का इलाज हो या  गर्भवती महिला का प्रसव कराना, समस्याओं से निजात दिलाने में ये नर्स व डॉक्टर वरदान साबित हो रहे हैं. 

 

इन्हीं लोगों में शामिल हैं पूनम व मालती. पूनम व मालती एएनएम हैं और लखीसराय सदर अस्पताल में पदस्थापित हैं. उनके सामने कोई भी रोगी हो, उसकी देखभाल करने में वे हमेशा तत्पर रहती हैं. जटिल प्रसव या गंभीर मामले में लोगों को इनका इंतजार रहता है. उनकी रोजाना की जिंदगी का 12 से 16 घंटा लोगों की सेवा करने में ही चला जाता है.

 

दिलोदिमाग पर हावी नहीं होता थकावट:

 

पूनम बताती हैं कि कई बार रात की ड्यूटी के बाद दिन की भी ड्यूटी करनी पड़ती हैं लेकिन सेवा भाव के कारण कभी दिलोदिमाग पर थकावट हावी नहीं होता है. वे कहती हैं निस्वार्थ भाव से सेवा करना ही मेरा कर्तव्य है और यह सोच मेरे जीवन को बल देता है. एएनएम पूनम कहती हैं जन कल्याण के लिए अपनी पूरी मेहनत से जिम्मेदारियों को निभाते हुए उन्हें भीतर से गर्व भी महसूस होता है. निःस्वार्थ भाव से मरीजों की सेवा कर अपने पद की जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठावान रहने का प्रयास करती हैं. इसलिए कभी-कभी सीमित संसाधनों के कारण परेशानी तो होती है लेकिन मरीजों की सेवा को प्रथम प्राथमिकता देते हुए निरंतर सेवा प्रदान करती है. 

 

रोगियों की संवेदनाओं को समझना जरुरी: 

 

एएनएम. मालती देवी बताती हैं रोगियों को मानसिक रूप से अधिक सहयोग की जरूरत होती है. नर्सों का फर्ज होता है कि वह मरीज से प्यार और संवेदना से पेश आये तथा मरीज की पीड़ा को समझते हुए जरूरी सलाह व चिकित्सा प्रदान करें. इसका पूरा ख्याल रखते हुए वह भी मरीजों की संवेदनाओं को समझती हैं एवं उनकी पीड़ा को कम करने का हर संभव प्रयास करती हैं.  वह बताती हैं कि मरीज को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए डॉक्टर व नर्स के बीच बेहतर संवाद की बेहद जरूरत होती है. इसलिए वह आने वाले रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा दिलाने के लिए डॉक्टर के साथ संवाद पर बल देती हैं.

 

फ्लोरेंस नाइटिंगल की याद में मनाया जाता है यह दिन: 

 

जनसेवा के लिए समर्पित नर्सों को उनके बहुमूल्य योगदान के लिए विश्व भर में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स  दिवस मनाया जाता है. आधुनिक नर्सिंग की जनक फ्लोरेंस नाईटेंगल की याद में विश्व भर में इस दिवस को प्रत्येक साल मनाया जाता है. इस साल विश्व नर्स दिवस की थीम ‘‘नर्स: स्वास्थ्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने की एक आवाज’’ रखी गयी है. इस दिवस के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सों के योगदान को याद करने, रोगियों के कल्याण के लिए नर्सों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिए है

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