- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
जिले के तीन प्रखंडों में कालाजार उन्मूलन को लेकर चल रहा है अभियान
- by
- May 15, 2020
- 2987 views
कालाजार से बचाव के लिए होगा सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव
जिले के रजोन एवं हैवतगंज से अभियान की हुई शुरुआत
लखीसराय, 15 मई:
जिले में कोरोना का संकट धीरे –धीरे अपना पाँव पसारने की कोशिश कर रहा है और इस गंभीर स्थिति से जिला स्वास्थ्य विभाग बहुत मुस्तैदी से लड़ रहा है । इसी क्रम में जिले में कालाजार की रोकथाम को लेकर छिड़काव का अभियान चलाया जा रहा है । इस अभियान की शुरुआत सूर्यगढ़ा प्रखंड के हैवतजंग गांव से किया,. जो वर्तमान मे मुस्तफापुर गाँव में छिड़काव किया जा रहा है । जिले के 8 सबसे अधिक कालाजार प्रभावित गांवों में कालाजार उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जाएगा. इनमें मसुदन मुस्तफापुर, मानो, माहा हैवतगंज, ओलीपुर,रजोना गाँव के वर्ड न॰-1 ,एवं रेहूआ गांव आदि शामिल हैं. अभियान के लिए दो टीमें बनायी गयी है. हर टीम में छह स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं. ये स्वास्थ्यकर्मी गांवों में नली नालों व घरों की दीवार पर सिंथेटिक पाइराथाइराइड का छिड़काव करेंगे.
माइक्रोप्लानिंग के तहत किया जा रहा छिड़काव:
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ धीरेन्द्र कुमार चौधरी ने बताया कालाजार की रोकथाम व इसके सौ फीसदी उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है. प्रभावित गांवों में इस अभियान की शुरूआत हुई है। . इसी कम्र में माइक्रोप्लान के तहत पुन: इस अभियान की शुरूआत की गयी है. इस अभियान के दौरान गांव के हर एक घरों में छिड़काव किया जायेगा. अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी सभी घरों में जायेंगे. उन्होने लोगो से अपील की है कि लोगों को बीमारी के बचाव के लिए घर के आसपास जलजमाव नहीं करें. फिर भी यदि जलजमाव की स्थिति है तो उसमें किरासन तेल डालने और सोते समय मच्छरदानी लगा कर ही सोने की सलाह दी है. साथ ही बच्चों को पूरा कपड़ा पहनाने व शरीर पर मच्छर रोधी क्रीम लगाने के लिए भी कहा है. कालाजार के खतरे को देखते हुए अपने घरों की भीतरी दीवारों और बथानों में कीटनाशक का छिड़काव करने व आस-पास के हिस्से को सूखा व स्वच्छ रखने के लिए कहा गया है.
कालाजार की ऐसे करें पहचान: कालाजार एक वेक्टर जनित रोग है. कालाजार के इलाज में लापरवाही से मरीज की जान जा सकती है. यह बीमारी लिश्मैनिया डोनोवानी परजीवी के कारण होता है. कालाजार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलने वाली बीमारी है. यदि व्यक्ति को दो सप्ताह से बुखार हफ्ते से बुखार और तिल्ली और जिगर बढ़ गया हो तो यह कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. साथ ही मरीज को भूख न लगने, कमजोरी और वजन में कमी की शिकायत होती है. यदि इलाज में देरी होता है तो हाथ, पैर व पेट की त्वचा काली हो जाती है. बाल व त्वचा के परत भी सूख का झड़ते हैं. कालाजार के लक्षणों के दिखने पर रोगी को तुरंत किसी नजदीकी अस्पताला या पीएचसी भेजा जाना चाहिए।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Premier World (Admin)