- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
आरोग्य दिवस पर नवजात की कुपोषण से बचाव के लिए दी गयी जानकारी
- by
- May 20, 2020
- 1753 views
गर्भवती माताओं के टीकाकरण की आवश्यकता पर भी दिया गया बल
सिविल सर्जन ने आइसीडीएस के सहयोग व प्रयासों की सराहना की
लखीसराय /20 मई:
कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन सहित स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी से काम कर रहा है. वहीं इस कार्य में आइसीडीएस का भी महत्वपूर्ण सहयोग मिल रहा है. कोरोना की रोकथाम को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाएं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जागरूकता ला रही हैं, वहीं टीकाकरण व कुपोषण को लेकर भी चर्चा कर रही हैं. लॉकडाउन की स्थिति में आंगनबाड़ी सेविकाओं व महिला पर्यवेक्षिकाओं की मदद से टेक होम राशन का वितरण भी किया गया है. इसी क्रम में आरोग्य दिवस के मौके पर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बुधवार को बच्चों के टीकाकरण के साथ माताओं को उनके नवजात के कुपोषण से बचाव को लेकर विस्तार से जानकारी दी गयी.
सिविलसर्जन डॉ आत्मा नन्द राय ने बताया राष्ट्रीय स्तर पर कुपोषण एक बड़ी समस्या है. साथ ही बिहार भी कुपोषण की दंश झेल रहा है. इससे निजात पाने के लिए भारत सरकार द्वारा मार्च 2018 में राष्ट्रीय पोषण मिशन यानि पोषण अभियान की शुरुआत की गयी है. पोषण के संदेश को जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से प्रसारित करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि पोषण संबंधित योजनाओं को जन-प्रतिनिधि के जरिये आम लोगों तक पहुंचाई जा सकती है. उनकी सहभागिता से सामुदायिक स्तर पर पोषण जागरूकता बढ़ायी जा सकती है। इसके लिए उन्होंने संबंधित विभागों एवं अन्य सहयोगी संस्थाओं से पूर्ण सहभागिता की अपील की. इसमें आइसीडीएस की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है.
6 माह के बाद स्तनपान के साथ पूरक आहार जरूरी:
आरोग्य दिवस को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी महिला एवं बाल विकास बिभाग कुमारी अनुपमा ने कहा जिले के सभी आगनवाड़ी केंद्र पर सप्ताह मे दो दिन आरोग्य दिवस का आयोजन किया जाता है जिसमे गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के साथ बच्चों के देख-भाल एवं पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है इसका मकसद प्रतिवर्ष 2 प्रतिशत की दर से बौनापन, दुबलापन एवं कम वजन में कमी करना है. तथा प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की दर से एनीमीया के मरीजों में कमी लानी है. बच्चों के बेहतर पोषण के लिए 6 माह तक केवल स्तनपान एवं 6 माह बाद स्तनपान के साथ पूरक आहार जरूरी होता है. कुपोषण को दूर करने के लिए शुरुआती 1000 दिनों का सही इस्तेमाल जरूरी है. जिसमें गर्भावस्था के 270 दिनों के दौरान माता का बेहतर पोषण एवं शेष बचे 730 दिनों में माता के बेहतर पोषण के साथ शिशु का नियमित स्तनपान एवं पौष्टिक पूरक आहार सुनिश्चित कराना जरूरी है. इससे कुपोषण के बढ़ते दर को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है
संबंधित पोस्ट
CPJ COLLEGE, NARELA ORGANIZED FRESHERS’ WELCOME “AAGMAN’24” FOR FIRST YEAR LAW STUDENTS
- Sep 01, 2024
- 126 views
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Premier World (Admin)