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तंबाकू को जीवन का नहीं बनाये हिस्सा, होता है मुंह का कैंसर : डॉ आत्मानंद
- by
- May 30, 2020
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• कोरोना संकटकाल में भी लोगों को तंबाकू से दूर रहने की मिलेगी जानकारी
• ‘बिहार एपीडेमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन 2020’ के तहत जहां तहां थूकने पर सजा
लखीसराय / 30 मई:
एक ओर जहां हम कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे सामने अन्य स्वास्थ्य चुनौतियां भी मौजूद हैं. इनमें से एक चुनौती तंबाकू से होने वाली बीमारियां हैं जिसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है. वैश्विक स्तर पर तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.तंबाकू और उससे जुड़े नशीले पदार्थां के उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होने से इस दिवस की प्रासंगिकता हर साल बढ़ती ही जा रही है. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू निषेध कार्यक्रम के प्रयासों के विषय में लोगों को अवगत कराना एवं तम्बाकू उत्पादों के सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जन-मानस को जागरूक करना है.
बैठक एवं जागरूकता अभियान का चल रहा सिलसिला:
विश्व तंबाकू दिवस को लेकर जिला सहित पंचायत स्तर पर जागरूकता लायी जायेगी. जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक आयोजित कर विभिन्न इनके माध्यम से तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जाएगा. होर्डिंग एवं पोस्टर के माध्यम से तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी और तम्बाकू सेवन से होने वाले गंभीर रोगों के विषय में जागरूकता फैलाई जाएगी.
जिला सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने बताया जिले में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर गतिविधियाँ आयोजित कर लोगों को इसके बारे में विस्तार से बताया जायेगा. उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन आज के दौर में किसी न किसी रूप में जीवनशैली का अंग बनता जा रहा है तथा अधिकतर लोग इसके दुष्परिणामों को जानते हुए भी इनका सेवन करते हैं. ग्रामीण परिवेश के लोग खैनी तथा बीड़ी का अत्यधिक सेवन करते हैं. इसलिए उनमें टीबी एवं श्वास संबंधित रोगों की अधिकता देखी गयी है. धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की प्रमुख वजह है. तम्बाकू चबाने की लत जैसे खैनी, गुटका,तम्बाकू युक्त पान इत्यादि सेवन से मुँह के कैंसर के होने का सबसे अधिक ख़तरा होता है.
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सुरेश शरण ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू सेवन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा और ऐसा करने वालों को जुर्माना लगाया जायेगा. साथ ही पोस्टर बैनर के माध्यम से तंबाकू के दुष्परिणामों की जानकारी लोगों को दी जायेगी.
तंबाकू प्रतिबंध नियमों की भी रखें जानकारी:
• तंबाकू का सेवन कर जहां तहां थूकने वालों के लिए भारतीया दंड संहिता की धारा 268 या 269 के तहत छह माह का कारावास या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है.
• सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादन अधिनियम 2003 की धारा 4 के अनुसार सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है. प्रतिबंधित स्थलों पर धूम्रपान निषेध का उल्लंघन करने पर दंड स्वरूप 200 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
• एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के अंतर्गत द बिहार एपीडेमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन 2020 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य के सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे रोड, गली, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थान परिसर तथा सभी थाना परिसर इत्यादि में किसी भी प्रकार का तंबाकु पदार्थ या सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान मसाला व जर्दा इत्यादि का उपयोग कर जहां तहां थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है
• कोरोना संकटकाल में भी लोगों को तंबाकू से दूर रहने की मिलेगी जानकारी
• ‘बिहार एपीडेमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन 2020’ के तहत जहां तहां थूकने पर सजा
लखीसराय / 30 मई:
एक ओर जहां हम कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे सामने अन्य स्वास्थ्य चुनौतियां भी मौजूद हैं. इनमें से एक चुनौती तंबाकू से होने वाली बीमारियां हैं जिसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाना जरूरी है. वैश्विक स्तर पर तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.तंबाकू और उससे जुड़े नशीले पदार्थां के उपयोग करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा होने से इस दिवस की प्रासंगिकता हर साल बढ़ती ही जा रही है. विश्व तम्बाकू निषेध दिवस का मुख्य उद्देश्य तम्बाकू निषेध कार्यक्रम के प्रयासों के विषय में लोगों को अवगत कराना एवं तम्बाकू उत्पादों के सेवन के दुष्परिणामों के बारे में जन-मानस को जागरूक करना है.
बैठक एवं जागरूकता अभियान का चल रहा सिलसिला:
विश्व तंबाकू दिवस को लेकर जिला सहित पंचायत स्तर पर जागरूकता लायी जायेगी. जिला तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति की बैठक आयोजित कर विभिन्न इनके माध्यम से तम्बाकू सेवन के दुष्परिणामों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जाएगा. होर्डिंग एवं पोस्टर के माध्यम से तम्बाकू सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी और तम्बाकू सेवन से होने वाले गंभीर रोगों के विषय में जागरूकता फैलाई जाएगी.
जिला सिविल सर्जन डॉ आत्मानंद राय ने बताया जिले में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर गतिविधियाँ आयोजित कर लोगों को इसके बारे में विस्तार से बताया जायेगा. उन्होंने कहा कि तम्बाकू सेवन आज के दौर में किसी न किसी रूप में जीवनशैली का अंग बनता जा रहा है तथा अधिकतर लोग इसके दुष्परिणामों को जानते हुए भी इनका सेवन करते हैं. ग्रामीण परिवेश के लोग खैनी तथा बीड़ी का अत्यधिक सेवन करते हैं. इसलिए उनमें टीबी एवं श्वास संबंधित रोगों की अधिकता देखी गयी है. धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर की प्रमुख वजह है. तम्बाकू चबाने की लत जैसे खैनी, गुटका,तम्बाकू युक्त पान इत्यादि सेवन से मुँह के कैंसर के होने का सबसे अधिक ख़तरा होता है.
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सुरेश शरण ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू सेवन करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जायेगा और ऐसा करने वालों को जुर्माना लगाया जायेगा. साथ ही पोस्टर बैनर के माध्यम से तंबाकू के दुष्परिणामों की जानकारी लोगों को दी जायेगी.
तंबाकू प्रतिबंध नियमों की भी रखें जानकारी:
• तंबाकू का सेवन कर जहां तहां थूकने वालों के लिए भारतीया दंड संहिता की धारा 268 या 269 के तहत छह माह का कारावास या 200 रुपये जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है.
• सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादन अधिनियम 2003 की धारा 4 के अनुसार सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान प्रतिबंधित है. प्रतिबंधित स्थलों पर धूम्रपान निषेध का उल्लंघन करने पर दंड स्वरूप 200 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है.
• एपीडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के अंतर्गत द बिहार एपीडेमिक डिजीज कोविड 19 रेगुलेशन 2020 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए राज्य के सभी सार्वजनिक स्थलों जैसे रोड, गली, सरकारी व गैर सरकारी कार्यालय परिसर, सभी स्वास्थ्य संस्थान परिसर, सभी शैक्षणिक संस्थान परिसर तथा सभी थाना परिसर इत्यादि में किसी भी प्रकार का तंबाकु पदार्थ या सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, पान मसाला व जर्दा इत्यादि का उपयोग कर जहां तहां थूकने पर प्रतिबंध लगाया गया है
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