कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केंद्र में रखने की कवायद शुरू

कुपोषित बच्चों की व्यापकता दर को 4 प्रतिशत लाने का लक्ष्य 

लखीसराय, 25 जून: जिला में अब ​एक बार फिर से कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केंद्र में भरती कराया जा सकेगा. कोरोना संक्रमण के कारण पोषण पुर्नवास केंद्र में बच्चों को भर्ती कराने का काम बंद था. लेकिन अब स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए कुपोषित बच्चों से जुड़ी सभी सुविधाएं को पुन: बहाल किया जायेगा. इसे लेकर सिविल सर्जन ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आइसीडीएस सहित सभी प्रभारी चिकित्सा प्रभारियों व प्रभारी जिला सामुदायिक उत्प्ररेकों, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरकों व राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम की टीम को आवश्यक निर्देश पत्र के माध्यम से दिये हैं. इन अधिकारियों से पत्र के माध्यम से कहा गया है कि पोषण पुर्नवास केंद्र में बच्चों को भर्ती कराने के लिए अपने स्तर से सभी आशा व आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रेरित किया जाये. 

अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकरी डॉ देवेंद्र चौधरी ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत पांच वर्ष के अतिगंभीर कुपोषित वैसे शिशु जिनमें चिकित्सीय जटिलता पायी जाती है उन शिशुओं के उपचार के लिए पोषण पुर्नवास केंद्र की स्थापना राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालाओं व जिलों में की गयी है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य गंभीर रूप से कुपोषित बचचों की व्यापकता दर 7 प्रतिशत है जिसे 4 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पोषण पुर्नवास केंद्र पर भर्ती कुपोषित बच्चे एवं उनके माता पिता को साथ रख कर स्वास्थ्य पोषण स्वच्छता तथा हाथ धोने की विधि के संबंध में प्रशिक्षित किया जाता है. 

केंद्र में देखभाल के साथ मिलती है राशि: 
पोषण पुर्नवास केंद्र पर रहने के दौरान कुपोषित बच्चों को 70 रुपये व माता को 125 रुपये प्रतिदिन भोजन के लिए दिये जाते हैं. साथ ही उन्हें भत्ता के रूप में 275 रुपये तथा बच्चों को प्रतिदिन पोषण पुर्नवास केंद्र लाने के लिए 100 रुपये आवागमन भत्ता के रूप में दिया जाता है

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