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वेबिनार के जरिए कोरोना संक्रमितों के अंतिम संस्कार के अधिकार पर हुई चर्चा
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- Jul 01, 2020
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विशेषज्ञों ने दिये करोना के प्रति सुझाव
जमुई / 1 जुलाई- वैश्विक महामारी कोरोनावायरस ने कई संवेदनशील पहलुओं को उजागर किया है. इस महामारी के दौर में हमारे सामने ऐसी कई घटनाएँ आ रहीं हैं जिसमें लोग अपने प्रियजनों को अंतिम विदाई भी नहीं दे पा रहे हैं. कोरोना संक्रमण और उससे हुई मौत को झेल रहे परिवारों पर यह दोहरा और अनावश्यक आघात है. पिछले कई महीनो में कई ऐसे मामले देखने को मिले हैं जिसमें कोरोना संक्रमित लोग अपने अंतिम समय में अपने माँ-बाप, बच्चे या जीवनसाथी का साथ नहीं पा सके. कोरोना के संक्रामक प्रवृत्ति और अस्पतालों के निर्देश के कारण बहुत सारे लोग चाहकर भी अपने प्रियजनों के अंतिम समय में उनके साथ नहीं रह सके.
कोरोना संक्रमित के मृत शरीर से संक्रमण फैलने का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है मौजूद:
वेबिनार में अपने संबोधन में दिल्ली के विशेषज्ञ टीम में शामिल डॉ. वंदना प्रसाद ने बताया कोरोना संक्रमित के मृत शरीर से संक्रमण फैलने का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य सामने नहीं आया है. इस बारे में कई भ्रामक जानकारियां फैली हुई हैं. यह दुखद है कि इन्हीं भ्रामक जानकारियों के कारण परिवार के लोग कोरोना के शिकार लोगों का अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे हैं. यह हरेक व्यक्ति का अधिकार है कि सम्मानजनक तरीके से अपने परिजनों से विदा ले. मृतकों का अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा किये जाने में कोई खतरा नहीं है. उन्हें दफनाने या उनका दाह संस्कार करने से कोरोना का संक्रमण नहीं फैलता है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसको लेकर एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी किया था.
समुदाय में है जागरूकता फैलाने की जरुरत:
दिल्ली के विशेषज्ञ टीम में शामिल डॉ. जॉन दयाल ने कहा विज्ञानं और वैज्ञानिक समझ हमसे अपील करती है कि हम सामाजिक दूरी का पालन करें और अपने बीमार परिजनों के पास मास्क आदि सुरक्षा प्रबंधो के बिना न जाएँ. इसके साथ साथ हमें इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच बनी धारणा को बदलने की जरुरत है. आज हमें भय, ग़लतफ़हमी और भ्रामक जानकारियों को रोकने के लिए वृहत पैमाने पर समुदाय में जागरूकता फैलानी होगी.
संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन कर हो सकता है अंतिम संस्कार:
दिल्ली के विशेषज्ञ टीम में शामिल डॉ. टी. सुन्दररमण ने बताया सामजिक दूरी का पालन करते हुए लोग अपनी मान्यता के अनुसार अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार खुद से कर सकते हैं. बस यह ध्यान रखना है कि इस कार्यक्रम में ज्यादा लोग शामिल न हों और सामजिक दूरी का सख्ती से पालन हो. सिर्फ करीबी लोग इसमें मास्क लगाकर शामिल हों और वृद्ध लोगों और बच्चों को ऐसे कार्यक्रम से दूर रखा जाए. अगर धार्मिक मान्यता के अनुसार खाने-पीने का इंतजाम करना है तो सबके लिए अलग बर्तन रखे जाएँ और आयोजन किसी खुली जगह पर कराया जाए.
वेबिनार में बिहार और यूपी के कई पत्रकार शामिल हुए और उन्होंने अपनी बात विशेषज्ञों के समक्ष रखी.
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
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