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जिले में कालाजार से बचाव के लिए डीडीटी का छिड़काव
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- Oct 20, 2020
- 4334 views
- कोविड-19 के साथ कालाजार से सतर्कता है जरूरी
- बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार, इसलिए रहें सावधान
लखीसराय, 20 अक्टूबर।
लखीसराय जिले में कोविड-19 के साथ कालाजार से बचाव के लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे जोर-शोर के साथ डीडीटी का छिड़काव कराया जा रहा है। जिले के लखीसराय प्रखंड में यह छिड़काव पूरा हो चुका है जबकि सूर्यगढ़ा एवं पिपरिया में पूरे जोर-शोर के साथ किया जा रहा है।चिकित्सकों के अनुसार कोविड-19 के अलावा कालाजार से भी बचाव के लिए लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। क्योंकि, यह भी संक्रामक तरीके की बीमारी होती है।
- कालाजार से बचाव के लिए डीडीटी छिड़काव ही सबसे बेहतर उपाय : -
जिला अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि कालाजार से बचाव के लिए गाँव - गाँव में डीडीटी का छिड़काव कराया जा रहा है। दरअसल, डीडीटी छिड़काव ही कालाजार से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही इससे बचाव के लिए लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसके लिए लोगों को साफ - सफाई समेत रहन - सहन में बदलाव करने की आवश्यकता है।
- बालू मक्खी के काटने से होता है कालाजार : -
कालाजार बालू मक्खी के काटने से फैलता है। डीडीटी के छिड़काव से ही बालू मक्खी के प्रभाव को पूर्णत: खत्म किया जा सकता है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डीडीटी का छिड़काव कराया जा रहा है। जिससे बालू मक्खी को समाप्त किया जा सके।
- लक्षण दिखते ही करायें इलाज, सरकार अस्पतालों में उपलब्ध है समुचित व्यवस्था
कालाजार का लक्षण दिखते ही तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पतालों में जाँच कराएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार इलाज कराएं। सरकार अस्पतालों में जाँच एवं इलाज की मुफ्त समुचित व्यवस्था उपलब्ध है। साथ ही इन बीमारियों से बचने के जमीन ( सतह ) पर नहीं सोयें । मच्छरदानी का नियमित रूप से उपयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने।
- कालाजार के लक्षण : -
- लगातार रूक - रूक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
- वजन में लगातार कमी होना
- दुर्बलता
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है
- प्लीहा में नुकसान होता है
- मरीजों को आर्थिक सहायता का मिलता है लाभ
कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं।
इन मानकों का पालन कर कोविड-19 से रहें दूर : -
- व्यक्तिगत स्वच्छता और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखें।
- बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
- साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढकें ।
- उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें ।
- घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
- बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
- आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें।
- मास्क को बार-बार छूने से बचें एवं मास्क को मुँह से हटाकर चेहरे के ऊपर-नीचे न करें।
- किसी बाहरी व्यक्ति से मिलने या बात-चीत करने के दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि दोनों मास्क पहने हों।
- कहीं नयी जगह जाने पर सतहों या किसी चीज को छूने से परहेज करें।
- बाहर से घर लौटने पर हाथों के साथ शरीर के खुले अंगों को साबुन एवं पानी से अच्छी तरह साफ करें।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Swapnil Mhaske