- World Wide
- International
- National
- State
- Union Territory
- Capital
- Social
- Political
- Legal
- Finance
- Education
- Medical
- Science & Tech.
- Information & Tech.
- Agriculture
- Industry
- Corporate
- Business
- Career
- Govt. Policy & Programme
- Health
- Sports
- Festival & Astrology
- Crime
- Men
- Women
- Outfit
- Jewellery
- Cosmetics
- Make-Up
- Romance
- Arts & Culture
- Glamour
- Film
- Fashion
- Review
- Satire
- Award
- Recipe
- Food Court
- Wild Life
- Advice
खगड़िया जिले में छः माह की उम्र पार चुके बच्चों का कराया गया अन्नप्राशन
- by
- Jan 20, 2021
- 2681 views
- डीपीओ, डीसी, सीडीपीओ एवं एल एस ने क्षेत्र भ्रमण कर कार्यक्रम का लिया जायजा, दिए आवश्यक निर्देश
- जिले के सभी ऑगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यक्रम का हुआ आयोजन
खगड़िया, 19 जनवरी|
मंगलवार को जिले के सभी प्रखंडों में अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस दौरान जिले की सभी सेविकाओं ने अपने-अपने पोषक क्षेत्र के छः माह की उम्र पार करने वाले बच्चों को अन्नप्राशन कराया| इस दौरान सेविकाओं ने बच्चे की माँ को बच्चे के 6 माह के बाद ऊपरी आहार की विशेषता बताते हुए अन्नप्राशन के महत्व की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीना सिंह, एनएनएम के जिला समन्वयक अम्बुज कुमार, संबंधित क्षेत्र के सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका (एल एस) के साथ विभिन्न केंद्रों की मॉनिटरिंग की गई और सेविकाओं को आवश्यक निर्देश दिए गए।
- अन्नप्राशन के साथ दो वर्षों तक स्तनपान भी जरूरी : -
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीना सिंह ने बताया कि इस दौरान बच्चों की माँ को बताया गया कि बच्चों को अन्नप्राशन के साथ कम से कम दो वर्षों तक स्तनपान भी करायें | वहीं छः माह तक सिर्फ स्तनपान ही करायें । तभी बच्चे का स्वस्थ शरीर निर्माण हो पाएगा। इसके अलावा 6 माह से ऊपर के बच्चों के अभिभावकों को बच्चों के लिए पूरक आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी। 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की सलाह दी गयी। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की बात बताई गयी। चावल, रोटी, दाल, हरी सब्जी, अंडा एवं अन्य खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों के विषय में चर्चा कर अभिभावकों को इसके विषय में जागरूक किया गया।
- पौष्टिक आहार की महत्ता की दी गई जानकारी :-
जिला समन्वयक अंम्बुज कुमार ने बताया कि शिशु के जन्म के एक घंटे के भीतर मां का गाढ़ा-पीला दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अगले छह माह तक केवल मां का दूध बच्चे को कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रखता है। 6 माह के बाद बच्चे का शारीरिक एवं मानसिक विकास काफी तेजी से होता है। इस दौरान स्तनपान के साथ ऊपरी आहार की काफी जरूरत होती है। घर का बना मसला व गाढ़ा भोजन ऊपरी आहार की शुरुआत के लिए जरूरी है। वहीं, कहा कि सामान्य प्रसव के लिए गर्भधारण होने के साथ ही महिलाओं को चिकित्सकों से जाँच करानी चाहिए और चिकित्सा परामर्श का पालन करना चाहिए।
- स्वच्छता एवं साफ-सफाई पर दिया गया बल:-
परवत्ता सीडीपीओ कामिनी कुमारी ने बताया कि साफ पानी एवं ताजा भोजन संक्रामक रोगों से बचाव करता है। शौच जाने से पहले एवं बाद में तथा खाना खाने से पूर्व एवं बाद में साबुन से हाथ धोना चाहिए। घर में तथा घर के आस-पास सफाई रखनी चाहिए। इससे कई रोगों से बचा जा सकता है।
रिपोर्टर
The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News
Dr. Rajesh Kumar