कोविड टीकाकरण के प्रति बढ़ा है विश्वास,उपायों पर अभी अमल करने की जरुरत


- फील्ड आउटरीच ब्यूरो की पहल पर वेबिनार का हुआ आयोजन

- ‘हम सुरक्षित, तो देश सुरक्षित’ विषय पर विशेषज्ञों ने खूब की चर्चा

- सीफार, डब्ल्यूएचओ,पीरामल एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने लिया भाग

- प्रमुख वक्ता के रुप में शामिल थे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी 


सीतामढ़ी-


सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के सीतामढ़ी ईकाईं फील्ड आउटरीच ब्यूरो की तरफ से कोविड टीकाकरण अभियान के मद्देनजर हम सुरक्षित तो देश सुरक्षित विषय पर गुरुवार को वेबिनार का अयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रुप में सीतामढ़ी के जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एके झा, सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार, डब्ल्यूएचओ पूर्वी चंपारण के मेडिकल ऑफिसर डॉ एसएम त्रिपाठी, यूनिसेफ के पोषण सलाहकार अनूप कुमार झा,पिरामल फाउंडेशन के अतिरिक्त जिला परिवर्तन प्रबंधक विजय शंकर पाठक मौजूद थे। वेबिनार का शुभारंभ करते हुए फील्ड आउटरीच ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जावेद अख्तर अंसारी ने कहा कि अभी देश में एक साल के अथक प्रयास के बाद कोविड टीके  का निर्माण हो पाया है। यह खुशी की बात है कि देश में अभी तक 1.70 करोड़ लोगों को टीका दिया जा चुका है। वहीं अब स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्करों के बाद  एक मार्च से 50 के उपर के लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। जिसके लिए सरकारी क्षेत्रों में  10000 टीकाकरण केंद्र तथा प्राइवेट क्षेत्रों के 20000 टीकाकरण केंद्रों को सूचीबद्ध किया गया है। वहीं टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्येश्य से पीआइबी निरंतर प्रयासरत  है. 

मीडिया की भूमिका अहम 

 मीडिया की अहम भूमिका पर चर्चा करते हुए सीफार के राज्य कार्यक्रम प्रबंधक रणविजय कुमार ने कहा कि कोविड के प्रति अनुरुप व्यवहार की बात हो या टीकाकरण के प्रति लोगों के मन में आशंकाओं के मिटाने की बात हो। इन सभी बातों में मीडिया की भूमिका काफी अहम रही  है। सीफार  भी कोविड चैंपियन, एवं  वॉरियर की कहानियों के माध्यम से लोगों को जागरुक करते आयी है, पर अभी भी लोगों के मन में टीके के बाद के प्रतिक्रिया को लेकर कुछ भ्रम है जिसमें  धार्मिक, सामाजिक, व्यक्तिगत  एवं सांस्कृतिक  चुनौतियाँ शामिल है.  मीडिया ही ऐसा माध्यम है जो लोगों की सोंच को बेहतर बना सकता है। मीडिया का यह प्रयास हो कि समुदाय स्तर तक जाकर लोगों की भ्रांतियों को मिटाकर उन्हें दूर करें। समाज से ऐसे चैंपियन को सामने लाना होगा जिनका लोग अनुसरण कर सकें। ऐसे में मीडिया  की भूमिका टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ समुदाय में टीके के प्रति विश्वसनीयता को बढ़ाना भी है.  इसके लिए मीडिया को इन मुद्दों पर निरंतर संवेदनशील भी बनाना होगा. 

तीसरा चरण  1 मार्च से

वेबिनार मे जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ एके झा ने कहा  टीकाकरण के शुरुआती 3 से 4 दिनों में टीकाकरण को लेकर कुछ भ्रम था, पर जैसे- जैसे स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगने लगे  उनके  बीच एक मानसिक मजबूती आयी कि टीका पूर्णत: सुरक्षित है। जिसका नतीजा रहा कि यहां टीकाकरण का प्रतिशत बहुत ही अच्छा रहा। अभी फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लग रहा है और 1 मार्च से 50 की उम्र के बाद के लोगों को टीका लगेगा। अभी उनके सर्वे का काम चल रहा है। बुजुर्गों के लिए एक सर्वे हो चुका है। वहीं इसमें उन व्यक्तियों को भी टीका लगेगा जिन्हें मधुमेह , एवं  बीपी की बीमारी है।  टीका  सदर अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों  पर ही होगा। इन सबके बीच हमें हमेशा मास्क, सामाजिक दूरी और हैंड वॉश का इस्तेमाल करना होगा। 

टीका लेने में भय कहीं नहीं दिख रहा

पूर्वी चंपारण डब्ल्यूएचओ के मेडिकल ऑफिसर डॉ एसएम त्रिपाठ ने बताया  अब लोगों में टीकाकरण के प्रति भय नहीं दिख रहा। जिन्होंने पहला डोज लिया है वह निश्चीत ही दूसरे डोज के लिए भी आ रहे हैं। जहां यह प्रतिशत कम है वहां सिर्फ सूचनाओं के आदान प्रदान में कमी है। तीसरे चरण में बड़े स्तर पर टीकाकरण होना है.इसके लिए  पंचायत स्तर पर भी इसकी उपलब्धता  होने की संभावना है. वहीं इसी शनिवार तथा रविवार को तीसरे फेज के लिए ड्राइ रन भी होगा। एईएफआइ का प्रशिक्षण सभी नर्सों को मिला हुआ है जिससे कारण किसी भी टीकाकरण केंद्र पर कोई बुरी खबर नहीं मिली। हमें मीडिया में एएनएम और वैक्सीनेटर की भी स्टोरी लानी होगी ताकि उन्हें प्रोत्साहन मिले और लोगों में सकारात्मक संदेश जाए। 

वेबिनार में यूनिसेफ के पोषण सलाहकार अनूप कुमार झा ने टीकाकरण के अहम हिस्सा संवाद का परिपेक्ष्य पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि उत्सुकता, घबराहट और उपाय ही ऐसे घटक है जो समाज से संवाद की चुनौतियों का खात्मा कर सकते हैं। वहीं उन्होंने कहा  जब तक देश में 70 से 80 फीसदी लोगों को टीका लगने के बाद ही लोगों में हर्ड इम्यूनिटी का निर्माण होगा। 


जनजागरुकता है जरुरी

पीरामल के विजय शंकर पाठक ने पीपीटी के माध्यम से जनजागरुकता से संबंधित एक वीडियो प्रस्तुत की  और कहा कि भले ही अभी टीका पड़ रहा है पर हमें अभी भी एहतियात की जरुरत है। हमें खुद की सुरक्षा, प्रियजन की सुरक्षा और समुदाय की सुरक्षा के मानकों पर अमल करना होगा। अगर आप कोविड से ठीक हो गए हैं तो भी टीका अवश्य लगवाएं।यह कमजोर होती इम्यूनिटी को भी हर्ड में बदल सकती है। जेयास अख्तर ने वेबिनार का धन्यवादज्ञापन किया। वेबिनार में पटना दूरदर्शन के निदेशक(समाचार) विजय कुमार , पीआईबी बिहार के महानिदेशक एसके मालवीय भी शामिल थे।

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

    Dr. Rajesh Kumar

संबंधित पोस्ट