मुखिया ने गांव के लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने का लिया संकल्प


टीबी को रोकने के लिए जिले में चल रहा जनआंदोलन अभियान

जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में टीबी को भगाने का लोग ले रहे हैं शपथ


भागलपुर, 16 अगस्त-


 टीबी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। भारत में हर साल लाखों लोग इस बीमारी की चपेट में आते हैं।  इस रोग में की गई लापरवाही हमेशा नुकसनदायक सिद्ध होती है। सरकार की ओर से नि:शुल्क जांच और इलाज के बावजूद नियमित दवा और पौष्टिक आहार का सेवन नहीं करने से कई लोग टीबी के शिकार हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार टीबी को फैलने से रोकने के लिए टीबी जनआंदोलन अभियान चला रही है। टीबी के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए बिहार सरकार केएचपीटी (कर्नाटका हेल्थ प्रमोशन ट्रस्ट) और केयर इंडिया के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम कर रही है। इसी सिलसिले में भागलपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न स्थानों पर निक्षय शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जनप्रतिनिधि, आशा सहित अन्य ग्रामीण टीबी मुक्त गांव बनाने का संकल्प ले रहे हैं।

हर व्यक्ति को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करेंगी मुखिया जयमाला कुमारी

जिले के  बंशीपुर पंचायत की मुखिया जयमाला कुमारी ने ग्रामीणों के सामने यह संकल्प लिया कि वह अपने गांव के हर व्यक्ति को इस जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक करेंगी। उन्होंने गांववालों से भी अपील की कि अगर आपको या आपके आसपास के किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण हैं तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा दीदी से संपर्क करें और अपनी जांच कराएं। उन्होंने कहा कि जब टीबी की जांच और इलाज मुफ्त है तो लोगों को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए। मैं गांव में घूम-घूमकर लोगों को इसकी सलाह दूंगी। अगर कोई आर्थिक तौर पर कमजोर है तो भी उसे पैसे की चिंता किए बगैर इलाज के लिए आगे आना चाहिए। सरकार तो जब तक दवा चलती है तब तक पांच सौ रुपये महीना पौष्टिक भोजन के लिए भी देती है।

ऐसे फैलता है टीबीः टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर क्लोसिस नामक बैक्टिरिया से फैलती है। इसका सबसे ज्यादा कुप्रभाव फेफड़ों  पर होता है। इसके अलावा ब्रेन, यूटेरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले आदि में भी हो सकती है। यह हवा के जरिए एक-दूसरे इंसान में फैलती है। टीबी मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वाली बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं।

टीबी के लक्षण

1. दो हफ़्ते या अधिक खांसी आना- पहले सूखी खांसी और बाद में बलगम के साथ खून का आना।

2. रात में पसीना आना- चाहे मौसम ठंडे का क्यों न हो।

3. लगातार बुखार रहना

4.थकावट होना

5.वजन घटना

6.सांस लेने में परेशानी होना 


बचाव के तरीके- 

1. जांच के बाद टीबी रोग की पुष्टि होने पर दवा का पूरा कोर्स लें।

2.मास्क पहनें और खांसने या छींकने पर मुंह को पेपर नैपकीन से कवर करें।

3. मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूकें।

4. मरीज हवादार और अच्छी रौशनी वाले कमरे में रहें। A. C. से परहेज करें।

5. पौष्टिक खाना खाएं। योगाभ्यास करें।

6. बीड़ी, सिगरेट, हुक्का

7. तम्बाकू, शराब आदि से परहेज करें।

7. भीड़भाड़ वाली गंदी जगहों पर जानें से बचें

रिपोर्टर

  • Dr. Rajesh Kumar
    Dr. Rajesh Kumar

    The Reporter specializes in covering a news beat, produces daily news for Aaple Rajya News

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